अब तक 70 को मिल चुकी सफलता,यहां ऐसे तैयार की जा रही है सेना और खाकी के लिए खेप


विनोद कुमार ने 2003 में थंबड़ के मैदान में युवाओं को सेना में भर्ती के लिए प्रशिक्षण देने की तैयारी शुरू की थी। इसके बाद इनको देखते-देखते कई युवा आ गए।


अंबाला शहर । अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया। अंबाला के बराड़ा खंड के गांव थंबड़ का विनोद कुमार अकेला ही चला था, लेकिन युवक और युवती आते गए और सफलता का स्वाद चखते गए। अभी तक 300 से भी ज्यादा युवा इसी सफलता की सीढ़ी चढ़ चुके हैं। विनोद कुमार ने 2003 में थंबड़ के मैदान में तैयारी शुरू की थी। इसके बाद इनको देखते-देखते कई युवा आ गए। विनोद ने इन्हें शारीरिक प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया। इसी के बलबूते अभी तक सैकड़ों युवा सेना और पुलिस में भर्ती हो चुके हैं। गांव थंबड़ से ही 70 युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती करा चुके हैं।


दरअसल, थंबड़ के विनोद कुमार ने यमुनानगर गुरुनानक खालसा कालेज से ही बीपीएड के बाद वर्ष 2014 में एमपीएड की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद ऑल इंडिया क्रॉस कंट्री में कई बार गोल्ड मेडल जीते। तीन साल पहले चंडीगढ़ में हुई 42 किलोमीटर फुल मैराथन में भी गोल्ड जीता, गत वर्ष जयपुर में फुल मेराथन में प्रथम आए।


कई बार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 10 किलोमीटर व हाफ मैराथन में गोल्ड जीत चुके हैं। इसीलिए एलीट क्लब में शामिल हो चुके हैं। अब इनका लक्ष्य ओलंपिक क्वालिफाई कर फुल मैराथन में देश की झोली में पदक डालना है। विनोद खेती बाड़ी करता है। करीब एक एकड़ जमीन विनोद के नाम आती है। इसी से परिवार का गुजर बसर चलता है। इसके अलावा पत्नी रजनी प्राइवेट स्कूल में जॉब करती है।


 निश्शुल्क दे रहे सुबह और शाम ट्रेनिंग


 विनोद कुमार सुबह और शाम निश्शुल्क युवाओं को ट्रेनिंग देते हैं। सुबह खुद 5 बजे मैदान में पहुंच जाते हैं और साढ़े 9 बजे तक मैदान में रहते हैं। दोपहर को करीब साढ़े 3 बजे मैदान में आते हैं और करीब छह बजे तक युवाओं को वहीं ट्रेनिंग देते हैं। वर्तमान की बात करें तो इस समय इनके पास 180 युवाओं की फौज है जोकि इनसे प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनमें 18 लड़कियां भी शामिल हैं।


बेटियों ने भी छोड़ी झिझक, ग्रामीणों ने दिखाया विश्वास


करीब 10 साल से युवाओं को विनोद सेना और पुलिस की भर्ती के लिए प्रशिक्षण दे रहा है। दैनिक जागरण से बातचीत में विनोद ने बताया कि उसका खुद का कभी भी लक्ष्य सेना और पुलिस में भर्ती होना नहीं था। उसका लक्ष्य ओलंपिक क्वालिफाई करना है। सेना और पुलिस भर्ती में सामान्य शारीरिक परीक्षण होता है। क्योंकि विनोद बीपीएड और एमपीएड कर चुके हैं। इसमें हर तरह की शारीरिक ट्रेनिंग दी जाती है।


वर्ष 2007 में इनके जुनून को देखते हुए गांव वालों ने अपनी बेटियों को भी इनके पास प्रशिक्षण के लिए भेजना शुरू किया। पहले एक-दो लड़कियों के माता-पिता आगे आए। लेकिन बाद में बेटियों का कारवां जुड़ता गया। वर्तमान में भी 18 लड़कियां प्रशिक्षण ले रही हैं। इनमें 7 कॉलेज की लड़कियां हैं।


वर्तमान पुलिस भर्ती में भी छह युवाओं के नाम


इनके द्वारा तैयार युवाओं की सेना और पुलिस की हर भर्ती में औसतन 8 से 10 युवाओं भर्ती होती है। वर्तमान में हुई पुलिस भर्ती में अधाई गांव के अजय कुमार और अधोया गांव के अनिल कुमार भर्ती हो चुके हैं। इसके अलावा लड़कियों में बराड़ा की कोमल और महमुदपुर की मनीषा और मनीषा राणा का फिजिकल क्लियर हो चुका है। गत वर्ष हुई सेना की भर्ती में बराड़ा, थंबड़, अधोया और अधोई के अलावा इनके द्वारा तैयार साहिल कुमार, शुभम कुमार, गजेंद्र सिंह, आशु, विशाल, अभिषेक, विजय कुमार, चरण सिंह, कर्ण कुमार, शुभम राणा, अर्जुन, भानू इत्यादि का सिलेक्शन हुआ था। इनकी वर्तमान में सेना ट्रेनिंग चल रही है।


150 से ज्यादा युवकों को दी जा रही ट्रेनिंग


थंबड़़ गांव के सरपंच रामकुमार का कहना है कि विनोद काफी समय से ट्रेनिंग दे रहा है। गांव के भी करीब 60-70 युवा पुलिस और सेना में भर्ती हो चुके हैं। हां गांव और बराड़ा की कई लड़कियां भी विनोद के पास प्रशिक्षण लेने आती हैं। इस समय भी 150 से ज्यादा युवकों को वह ट्रेनिंग दे रहा है।