नई दिल्ली । World Cup 2019 भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धौनी द्वारा अपने कीपिंग ग्सव्स पर इंडियन पैरा स्पेशल फोर्स के बलिदान बैज का इस्तेमाल करने पर पाकिस्तान के एक मंत्री बुरी तरह से भड़क गए। इमरान की कैबिनेट में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने इसे लेकर ट्वीट कर डाला। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि धौनी इंग्लैंड में विश्व कप खेलने गए हैं ना कि महाभारत करने के लिए। भारतीय मीडिया में ये एक मूर्खतापूर्ण बहस है। भारतीय मीडिया का एक वर्ग युद्ध से इतना ज्यादा प्रभावित है कि उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान या रावंडा में भाड़े के सैनिकों के तौर पर भेजा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि टीम इंडिया के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धौनी 12वें विश्व कप के पहले मैच के दौरान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विकेटकीपिंग कर रहे थे तब उनके ग्लव्स पर बलिदान बैज या सेना का प्रतीक चिन्ह देखा गया था। इसके बाद आइसीसी ने भी इस पर अपना विरोध जताया था। आइसीसी के नियम के मुताबिक उपकरण और कपड़ा नियामक इस बात की अनुमित नहीं देता कि किसी चीजों का अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीतिक, धार्मिक या नस्लीय संदेश देने के लिए हो।
हालांकि आइसीसी के विरोध के बाद पूरा देश धौनी के समर्थन में आकर खड़ा हो गया और इसे एक सुर से सही बताया गया। इस मामले को लेकर बीसीसीआइ ने आइसीसी को पत्र भी लिखा। COA चीफ विनोद राय ने कहा कि धौनी के दस्ताने पर जो निशान है, वह किसी धर्म का प्रतीक नहीं है और न ही यह कमर्शियल है। हम अपने खिलाड़ियों के साथ खड़े हैं। हम पहले ही आइसीसी को पत्र लिख चुके हैं कि वो धौनी को उनके दस्ताने पर 'बलिदान बैज' पहनने दें।
क्या है बलिदान बैज
भारतीय सेना की एक स्पेशल फोर्स की टीम होती है जो आतंकियों से लड़ने और आतंकियों के इलाके में घुसकर उन्हें मारने में दक्ष होती है। मुश्किल ट्रेनिंग और पैराशूट से कूदकर दुश्मन के इलाके में घुसकर मारने में महारत हासिल करने वाले इन सैनिकों को पैरा कमांडो कहा जाता है। इन्हीं पैरा कमांडो को एक खास तरह का चिन्ह दिया जाता है जिसे बलिदान बैज कहा जाता है। ये बैज उन्हें ही मिलता है जो स्पेशल पैरा फोर्सेज से जुड़े हों।