UP Board Exam 2020: अगले साल से ये बदलाव करेगा यूपी बोर्ड


यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में सम्मिलित होने वाले लाखों छात्र-छात्राओं को अगले साल से हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रमाणपत्र मिलेंगे। अंग्रेजी में स्पेलिंग की त्रुटि को लेकर दायर एक याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 9 फरवरी 2019 को 2020 की परीक्षा से प्रमाणपत्रों के प्रारूप में बदलाव के निर्देश दिए हैं। इसके लिए बोर्ड ने तैयारियां शुरू कर दी है।


1947 में देश की आजादी के बाद बोर्ड अपना सारा काम देवनागरी लिपि में कर रहा था। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्र व प्रमाणपत्र हिन्दी भाषा में ही जारी होते थे। लेकिन बाद में कम्प्यूटर का उपयोग शुरू होने पर बोर्ड ने अंकपत्र/प्रमाणपत्र का स्वरूप बदल दिया। बोर्ड ने 2005 में हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अंकपत्र व प्रमाणपत्र जारी करने का निर्णय लिया था।


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उस वर्ष से दोनों भाषाओं में अंकपत्र व प्रमाणपत्र जारी होने लगे। इनमें यूपी बोर्ड व परीक्षा का नाम तो दोनों भाषाओं में है लेकिन अभ्यर्थी का नाम, पिता व मां का नाम, वर्ग, स्कूल का नाम, विषय का नाम, श्रेणी आदि तमाम सूचनाएं सिर्फ अंग्रेजी में लिखी होती है। हाईकोर्ट के आदेश पर अब अंकपत्र सह प्रमाणपत्र पर अंकित सभी सूचनाएं दोनों भाषाओं में होंगी।


क्या थी समस्या
मनीष द्विवेदी नाम के अभ्यर्थी की याचिका पर अंकपत्र सह प्रमाणपत्र को दोनों भाषाओं में जारी करने का आदेश हुआ है। दरअसल मनीष ने 2010 में हाईस्कूल और 2012 में इंटर की परीक्षा पास की थी। लेकिन दोनों के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र में उसके नाम व उपनाम की स्पेलिंग गलत थी। संशोधन करने के बाद भी त्रुटि रह गई और उसने फिर संशोधन के लिए अनुरोध किया तो बोर्ड ने इनकार कर दिया। जिस पर उसने याचिका दायर की।


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नीना श्रीवास्तव (सचिव, यूपी बोर्ड) ने कहा- हाईस्कूल व इंटर के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र को दोनों भाषा में छापने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए है। 2020 की परीक्षा से आदेश का अनुपालन किया जाएगा। उसके लिए प्रारूप में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे।