UP में आंधी-बारिश ने बरपाया कहर, 24 लोगों की मौत, 57 से ज्यादा जख्मी


UP के अधिकांश भू-भाग में गुरुवार को दिन और रात में आंधी बारिश के साथ ओलावृष्टि ने तबाही मचाई। इस दौरान 24 लोगों की मौत हो गई और 57 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए।


लखनऊ  । उत्तर प्रदेश के अधिकांश भू-भाग में गुरुवार को दिन और रात में आंधी, बारिश के साथ ओलावृष्टि ने तबाही मचाई। कुछ स्थानों पर वज्रपात भी हुआ। विद्युत पोल, पेड़ गिर गए। सैकड़ों गांवों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई। इस दौरान 24 लोगों की मौत हो गई, जबकि 57 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। 25 पशुओं के भी मरने की सूचना है। सात जिलों में 16 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार रात ही प्रभावित क्षेत्रों के प्रभारी मंत्रियों को संबंधित जिलों का दौरा कर राहत कार्य की निगरानी करने का निर्देश दिया था। आंधी-तूफान और बिजली गिरने से प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए बीती 31 मई तक प्रदेश के सभी जिलों को 30.25 करोड़ रुपये का आवंटन अग्रिम के तौर पर किया जा चुका है।


राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के अनुसार आंधी-तूफान से सर्वाधिक छह लोगों की मौत मैनपुरी में हुई। एटा और कासगंज में तीन-तीन, फर्रुखाबाद व बाराबंकी में दो-दो लोगों ने जान गंवायी। मुरादाबाद, मथुरा, कन्नौज, संभल, अमरोहा, बदायूं और महोबा में एक-एक लोगों की मौत हुई है। इनके अलावा बिजली गिरने से बदायूं और पीलीभीत में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। घायल लोगों में सर्वाधिक 41 मैनपुरी के हैं।


 


शासन ने राहत आयुक्त और संबंधित जिलाधिकारियों को घायल हुए लोगों का तत्काल बेहतर इलाज कराने और प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने का निर्देश दिया है। शासन ने राजस्व विभाग को मौसम विभाग से आंधी-तूफान का अलर्ट हासिल कर संबंधित जिलाधिकारियों को इसके बारे में पूर्व चेतावनी देने का निर्देश दिया है।


राजधानी लखनऊ में आंधी-पानी से तापमान करीब तीन डिग्री लुढ़क कर 38.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। यह सामान्य के मुकाबले एक डिगरी कम रहा। वहीं, न्यूनतम तापमान में गुरुवार के मुकाबले सात डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 23.7 डिग्री रिकार्ड हुआ। आसपास के जिलों में गुरुवार रात आई आंधी से भारी तबाही हुई।


 


रायबरेली, गोंडा, अमेठी समेत अधिकांश स्थानों पर सैकड़ों बिजली के खंभे टूट गए, जिससे बिजली व्यवस्था चरमरा गई। गोंडा में 300 मजरों में विद्युत आपूर्ति गड़बड़ा गई। वहां कुछ मकानों को भी क्षति पहुंची है। बहराइच में तेज आंधी के साथ जमकर हुई बारिश के बीच ओले भी गिरे। वहां करीब 200 और श्रावस्ती में 250 अधिक गांवों की बिजली गुल हो गई। बलरामपुर, अयोध्या का भी यही हाल रहा। कानपुर, फर्रुखाबाद, अमेठी, लखीमपुर समेत अधिकांश जिलों में गर्मी से थोड़ी महसूस की गई।


औरैया में अधिकतम तापमान 44 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहा। जालौन में अधिकतम तापमान 46.5 और न्यूनतम 32 डिग्री सेल्सियस रहा। बुंदेलखंड के बांदा में 48 डिग्री सेल्सियस, हमीरपुर में 47 और चित्रकूट व महोबा में 45 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। अलीगढ़ में गुरुवार की शाम आई आंधी और बारिश ने गर्मी से झुलस रहे लोगों को राहत पहुंचाई। यही हाल हाथरस का रहा। 


 


गजरौला में रेल ट्रैक पर गिरे पेड़, 17 घंटे बाधित रहा रेल मार्ग


गुरुवार शाम आई आंधी व बारिश से गजरौला रेलवे लाइन पर कई जगह पेड़ टूटकर गिरने से ट्रेनों की आवाजाही ठप हो गई। चार पैसेंजर ट्रेनों को रद कर दिया गया। गढ़वाल एक्सप्रेस साढ़े चार घंटे तो इंटरसिटी व मसूरी एक्सप्रेस भी देर से संचालित हुई। करीब 17 घंटे बाद ट्रेनों का सुचारू रूप से संचालन हो सका।


 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंधी-तूफान से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि जन हानि, पशु हानि एवं मकान क्षति से प्रभावित व्यक्तियों को 24 घंटे के भीतर सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए। दैवी आपदा के मृतक आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराने को कहा है।


गुरुवार रात में बहराइच, श्रावस्ती, बाराबंकी और गोंडा जिलों में अचानक मौसम बदल गया। तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। कई इलाकों में बिजली के खंभे, छप्पर, टिन शेड और पेड़ों के गिरने सूचना है। आंधी के कारण आम की फसल को काफी नुकसान हुआ है।


आगरा में गुरुवार को आसमान से दिनभर सूरज की किरणें आग बरसाती रहीं पर शाम को आंधी, बारिश के साथ ही जमकर ओलावृष्टि हुई। कासगंज में पेड़ गिरने से दो लोग और गेट से दबकर एक महिला की जान चली गई। एटा में वज्रपात से एक युवक और टिनशेड गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मैनपुरी में भी इसी तरह के हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई।


फीरोजाबाद में भी तेज आंधी और बारिश के साथ ओले गिरे। तेज आंधी के चलते जिले में कई जगह पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। हालांकि मौसम का मिजाज बदलने के कारण गर्मी से बेचैन लोगों ने राहत की सांस ली। मथुरा में शाम को बूंदाबांदी हुई। इससे उमस भरी गर्मी बढ़ गई।


चंदौसी में आंधी से तीन लोग घायल हो गए। बारिश हुई। मुरादाबाद देहात में वज्रपात से एक व्यक्ति की मौत हो गई। बरेली में आंधी के साथ बारिश आई। पेड़ गिरे और बिजली व्यवस्था चौपट हो गई। अलीगढ़ में आंधी के साथ विभिन्न इलाकों में बूंदाबांदी हुई जबकि कुछ क्षेत्रों में ओले गिरे। मौसम सुहाना हो गया। पीलीभीत में छप्पर गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। आकाशीय बिजली की चपेट में आकर बदायूं में एक बच्चे की मौत हो गई। 


मृतक आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की मिलेगी सहायता


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को मैनपुरी, कासगंज, एटा आदि जिलों में आंधी-तूफान से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि जन हानि, पशु हानि एवं मकान क्षति से प्रभावित व्यक्तियों को 24 घंटे के भीतर सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए। दैवी आपदा के मृतक आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराने को कहा है।


उन्होंने अफसरों को नुकसान का आकलन करते हुए प्रभावितों को अविलंब मुआवजा देने पर जोर दिया। योगी ने कहा कि राज्य आपदा मोचक निधि के दिशा निर्देशों के अनुरूप पीडि़तों को वित्तीय सहायता दी जाए। फसल क्षति का 48 घंटे के भीतर किसानवार सर्वे कराया जाए। जिन किसानों की बोई गई फसलों में 33 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई है, ऐसे प्रभावित किसानों को कृषि निवेश अनुदान वितरित किये जाएं। योगी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार प्रभावितों के साथ है और उनकी हर संभव मदद की जाएगी। राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


मुख्यमंत्री ने राहत के लिए प्रभारी मंत्रियों को प्रभावित जिलों में भेजा


आंधी-तूफान से प्रभावित जिलों में राहत कार्य के लिए सरकार मुस्तैद हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभारी मंत्रियो को जिलों में भ्रमण कर राहत कार्य के पर्यवेक्षण का निर्देश दिया है। संबंधित जिलों के डीएम को क्षेत्रों का भ्रमण कर राहत वितरित करने की जिम्मेदारी दी गई है। आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली गिरने से प्रभावित होने वाले प्रदेश के कुल 22 जिले हैं। मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय ने जिलों मेें तैनात नोडल अफसरों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि राहत कार्य में कहीं कोई चूक न हो।