लखनऊ । आषाढ़ मास की पूर्णिमा की रात (मंगलवार) 1.31 बजे चंद्रग्रहण लगेगा। रात 3.01 बजे ग्रहण का मध्यकाल होगा। बुधवार भोर में 4.31 बजे मोक्ष होगा। इससे पहले मंगलवार शाम 5.31 बजे ही सूतक लग जाएगा।
पं. राधेश्याम शास्त्री ने बताया कि चंद्रग्रहण के आठ घंटे पूर्व सूतक काल शुरू हो जाएगा। इससे पहले मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए जाएंगे। इस दौरान पूजा-अर्चना नहीं होगी। हालांकि, मंत्रों का जाप चलता रहेगा। सूतक लगने के बाद सभी को खाने-पीने से परहेज करना चाहिए। खासकर गर्भवती को खाने-पीने के अलावा दवाओं का भी सेवन नहीं करना चाहिए। सूतक के बाद सब्जी काटने और पापड़ आदि सेंकने से दोष होता है। चंद्रग्रहण उत्तराषाढ़ नक्षत्र के प्रथम चरण में लग रहा है। विशेषकर धनु राशि वालों के लिए चंद्रग्रहण कष्टकारी होगा। इससे बचने के लिए धनु राशि के लोग ग्रहण काल में ओम नम: शिवाय का जप करें और सुबह स्नान के बाद दान-पुण्य करें।
मंदिरों में बदला आरती-पूजन का समय
चंद्रग्रहण के कारण मंदिरों में मंगलवार शाम को आरती-पूजन का समय बदल दिया गया है। सूतक लगने से पहले ही आराध्य की आरती-पूजा होगी। वहीं, सूतक लगने के बाद से मोक्ष तक मंदिर के पट बंद रहेंगे। सुबह मंदिर की साफ-सफाई के बाद भगवान का श्रृंगार किया जाएगा। इसके बाद आरती-पूजन होगा।
साढ़े तीन बजे से होगी गोमती आरती
चंद्रग्रहण के कारण गोमती आरती के समय में भी परिवर्तन किया गया है। मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि ने बताया कि मंगलवार दोपहर 3.30 बजे से 4.30 बजे तक मनकामेश्वर उपवन घाट पर आरती कार्यक्रम होंगे।