देश में बाढ़ प्रभावितों की संख्या 70 लाख के ऊपर पहुंचीं जिसमे 44 मौतें, असम समेत 4 राज्यों में बिगड़े हालात


बिहार व पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ से 70 लाख से अधिक नागरिक प्रभावित हुए हैं, 44 की मौत हुई है। असम के 33 में से 31 जिलों के 43 लाख नागरिक बाढ़ की चपेट में हैं। यहां 15 नागरिकों को मौत हुई है। बिहार में 12 जिलों की 25 लाख से अधिक का जनजीवन प्रभावित हुआ है, यहां सोमवार शाम तक 24 की मौत हुई है।


 

बिहार में नेपाल में हो रही बारिश ने बाढ़ का कहर बढ़ाया है। पूर्वी चंपारन में दो बाढ़ का बहाव देख रहे पांच बच्चे जयसिंहपुर नहर व पानी से भरे गड्ढे में डूब गए। इन्हें एनडीआरएफ ने अभी बाढ़ मृतकों में नहीं गिना है।

वहीं अररिया में 9 और मोतिहारी में 10 लोगों की जान गई है। दरभंगा में बचाव कार्यों के साथ खाने के पैकेट बंटवाए जा रहे हैं और प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टर भेजे गए हैं। सीएम नितीश कुमार ने पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज जिलों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया है।


 





मेघालय : सवा लाख प्रभावित


लगातार सात दिन की बारिश से मेघालय में सवा लाख नागरिक बाढ़ की चपेट में हैं। ब्रह्मपुत्र व जिंजिराम नदियों ने कई इलाकों को डुबो दिया है। पश्चिम गारो पर्वतीय जिले के मैदानी इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। डेमडेमा ब्लॉक के 50 गांवों के और सेलसेल्ला ब्लॉक के 104 गांवों के नागरिक बाढ़ की चपेट में हैं। राजधानी शिलांग के निचले इलाकों में पानी भरा है।

मिजोरम : हजार परिवार सुरक्षित स्थानों पर भेजे, पांच मौतें


यहां खावथलांगतुईपुई नदी में बाढ़ से लुंगेई जिले में 32 गांवों के 700 घर बाढ़ में डूबे हैं। यहां से आठ सौ परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। बारिश से मिजोरम में सोमवार तक पांच नागरिकों की मौत हुई है। दो सौ परिवारों को केंद्रीय मिजोरम के सेरचिप जिले से निकाल सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

त्रिपुरा : 15 हजार बेघर, घटा नदियों का स्तर


राजधानी अगरतला में बाढ़ से बेघर हुए 10 हजार लोग भटक रहे थे। उन्हें राहत शिविरों में शरण दी गई है। प्रदेश में कुल 15 हजार नागरिकों को सरकारी इमारतों में आश्रय दिलाया गया है। तेज बारिश ने पश्चिम त्रिपुरा और खोवाई जिलों में तबाही मचाई है। हालांकि सोमवार शाम तक खोवाई और हाओरा नदिया का जलस्तर घटने से हालात में सुधार आने लगा। क्षेत्रीय मौसम विभाग निदेशक दिलीप साहा के अनुसार सोमवार को बारिश रुकी है।

महाराष्ट्र : भारी बारिश के बाद यहां पालघर और ठाणे जिलों को हाईअलर्ट पर रखा गया है। क्षेत्र में बने दो बड़े बांध पूरी तरह भर चुके हैं।


एनडीआरएफ की 119 टीमें लगाई


राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बाढ़ राहत कार्यों के लिए के लिए देश में कुल 119 टीमें लगाई गई हैं। हर टीम में 45 सदस्य हैं। टीमों ने असम में करीब 3000 लोगों को बचाया है।

बिहार में 3310 लोगों को बचाया गया, वहीं 1.06 लाख नागरिकों को 196 राहत शिविरों में रखा गया है। इसी तरह असम में सवा तीन सौ राहत कैंप चलाए जा रहे हैं, जिनमें 16,596 नागरिकों को शरण दी गई है। बाढ़ प्रभावित असम, बिहार और पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए दिल्ली में कंट्रोल रूम बनाया गया है। 
 

असम : पीएम मोदी ने सीएम से ली हालात की जानकारी


पीएम मोदी ने फोन कर असम सीएम सर्बानंद सोनोवाल से हालात की जानकारी ली। सोनोवाल ने बताया कि 31 जिलों पर बाढ़ का बुरा असर हुआ है।

पीएम मोदी ने उन्हें केंद्र से सभी तरह की सहायता मुहैया करवाने और हालात पर नियंत्रण पाने में मदद का आश्वासन दिया। वहीं असम से कांग्रेस सांसदों ने बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग के लिए संसद में गांधी प्रतिमा के सामने बैनर दर्शा कर प्रदर्शन किया। यहां डेढ़ लाख हैक्टेयर खेती बर्बाद हुई है।

ऊंचे स्थानों की तलाश कर रहे वन्यजीव 


काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 70 प्रतिशत हिस्सा बाढ़ की चपेट में है। यहां भारतीय गैंडे सहित विभिन्न वन्य जीव व विश्व धरोहर स्थल भी बाढ़ की चपेट में हैं। वन्यजीव ऊंची जगहों पर शरण की तलाश रहे हैं।


राजधानी में करीब दो सप्ताह की देरी से मानसून ने सोमवार को झमाझम बारिश के साथ दस्तक दी। दोपहर बाद पूरी दिल्ली में बदरा जमकर बरसे और लोगों को गर्मी से राहत दी। घने बादल एकाएक इस  कदर छाए कि दिन में ही रात जैसा नजारा बन गया। वाहनों को हैडलाइट्स जलाकर चलाना पड़ा। अनुमान है कि अगले दो दिन तक दिल्ली वालों पर बदरा इसी तरह मेहरबान रहेंगे। मौसम विभाग ने 29 मिली मीटर बारिश रिकॉर्ड की है।
 
राजधानी में सुबह से ही आसमान घटाटोप रहा। दोपहर तीन बजे के बाद पूरी दिल्ली में तेज हवाओं के साथ झमाझम बरसात शुरू हो गई, जो आधे घंटे से ज्यादा देर तक चली। बारिश में नहा कर मानसून न आने से गुस्साए लोगों का गुस्सा शांत हो चुका था। रात तक बारिश के रुक-रुककर चलने का सिलसिला जारी रहा।  

मौसम विभाग के अनुसार पालम केन्द्र पर सबसे ज्यादा 25.8 मिमी बारिश दर्ज हुई। लोदी रोड पर 23.2, आया नगर में 19.9, रिज क्षेत्र में 13, स्पोर्टस कॉम्पलेक्स में 7 और नजफगढ़ में 4 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई। बारिश के कारण अधिकतम तापमान गिरकर 34.7 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।  

मंगलवार और बुधवार को पारा करीब 33 डिग्री रिकॉर्ड होने की संभावना है।अनुमान है कि मंगलवार को गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।  शनिवार से दिल्ली के तापमान में फिर से बढ़ोतरी होने की संभावना के साथ बारिश का सिलसिला थमने के आसार हैं।