मुंबई में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में पानी भर गया, जिससे लोगों का जीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया। सड़कों पर जलभराव से न केवल यातायात बाधित है बल्कि सात हवाई उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं। भारी बारिश के चलते बदलापुर और वांगणी के बीच ट्रैक पर जलभराव के कारण मुंबई-कोल्हापुर महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रैक पर ही फंस गई थी जिसके बाद एनडीआरएफ, नौसेना ने बचाव अभियान चलाते हुए करीब 1000 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला।
महालक्ष्मी एक्सप्रेस कहां से चली और कितने बजे बदलापुर पहुंची?
ट्रेन शुक्रवार की रात मुंबई से कोल्हापुर के लिए निकली थी। लेकिन चामटोली से आगे नहीं बढ़ पाई। शुक्रवार रात 12 बजे के बाद ट्रेन यहां फंस गई।
कितने समय तक फंसी रही ट्रेन?
शुक्रवार रात से ही ट्रेन पानी में फंसी हुई थी। लगभग 15 घंटे तक ट्रेन ट्रैक पर फंसी रही। यहां चारों ओर पानी ही पानी था। नौसेना और एनडीआरएफ ने युद्धस्तर पर यात्रियों को सुरक्षित निकाला।
लापरवाही के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है?
इस तरह की लापरवाही के लिए प्रशासन को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां लगातार हो रही बारिश से बाढ़ आ गई थी। हर जगह पानी भरा हुआ था। ऐसे में अगर खतरा था तो ट्रेन के संचालन पर पहले ही रोक लगा देनी चाहिए थी, ताकि लोगों की जान खतरे में नहीं पड़ती।
बदलापुर में कब से बारिश हो रही थी?
शनिवार सुबह तक बीते 24 घंटे में मुंबई में 97.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं ईस्टर्न और वेस्टर्न उपनगर में 163 और 132 मिमी बारिश दर्ज की गई। ठाणे जिले में शनिवार सुबह तक 160 मिमी बारिश दर्ज की गई। यहां पूरी रात लगातार बारिश हुई जिसके चलते ये ट्रेन फंस गई।
यह सब अचानक तो हुआ नहीं, फिर सतर्कता क्यों नहीं बरती गई?
मुंबई स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को ठाणे और पुणे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। इसके पहले 26 और 28 जुलाई को भी पालघर में रेड अलर्ट जारी किया जा चुका है। जानकारी के लिए बता दें मानसून की विभिन्न स्थितियों को बताने के लिए अलर्ट जारी किए जाते हैं। इनमें ऑरेंज अलर्ट अधिकारियों को गंभीर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का सिग्नल होता है। लेकिन मौसम विभाग और रेलवे अधिकारियों के बीच संचार की कमी पाई गई। अगर उनमें ठीक से संचार हुआ होता तो रेल के संचालन को लेकर पहले ही सतर्कता बरती जाती।
अपने अंतिम स्टेशन से कितनी दूर थी ट्रेन?
कोल्हापुर के लिए निकली ट्रेन बदलापुर में फंस गई। यहां से कोल्हापुर की दूरी 366.8 किमी है। यह ट्रेन मुंबई से कोल्हापुर तक का सफर तय करती है।
बचाव कार्य को किस तरह अंजाम दिया गया?
यात्रियों को बचाने के लिए सात नौसेना दल, भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर और दो सैन्य यूनिट को स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव दल में तैनात किया गया था। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वो व्यक्तिगत रूप से महालक्ष्मी एक्सप्रेस में बचाव अभियान की निगरानी करें। एनडीआरएफ की चार टीमों ने मौके पर पहुंचकर आठ नावों की मदद से यात्रियों को निकाला।
नौसेना के आठ बाढ़ बचाव दल जिसमें तीन गोताखोर दल शामिल हैं, नौकाओं और लाइफ जैकेट जैसी बचाव सामग्री के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। बचाव राहत में गोताखोरों के साथ एक सीकिंग हेलीकाप्टर भी भेजा गया। रेलवे की तरफ से ट्रेन में फंसे हुए यात्रियों को बिस्किट और पीने का पानी बांटा गया था। रेलवे सुरक्षा बल और शहर की पुलिस भी मौके पर पहुंचे थे।
नौसेना के आठ बाढ़ बचाव दल जिसमें तीन गोताखोर दल शामिल हैं, नौकाओं और लाइफ जैकेट जैसी बचाव सामग्री के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। बचाव राहत में गोताखोरों के साथ एक सीकिंग हेलीकाप्टर भी भेजा गया। रेलवे की तरफ से ट्रेन में फंसे हुए यात्रियों को बिस्किट और पीने का पानी बांटा गया था। रेलवे सुरक्षा बल और शहर की पुलिस भी मौके पर पहुंचे थे।