शिवसेना को आदित्य ठाकरे के मैदान में आने से ‘अच्छे दिन’ की उम्मीद : महाराष्ट्र चुनाव



खास बातें



  • पहली बार विस चुनाव लड़ने जा रहे आदित्य को लेकर शिवसैनिक उत्साहित

  • 'जन आशीर्वाद' यात्रा के दौरान उन्होंने 75 युवाओं के सात 'आदित्य संसद' की

  • स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अच्छी चर्चा करने की काबिलियत रखते हैं

  • 2009 में राजनीति में आए, तब से सक्रिय कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं



 

ठाकरे परिवार से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे 27 वर्षीय आदित्य ठाकरे को लेकर शिवसैनिक काफी उत्साहित है। पिछले कुछ सालों से भाजपा और शिवसेना के गठबंधन में दूसरे नंबर की पार्टी को उम्मीद है कि आदित्य के चुनाव लड़ने के फैसले से उसके 'अच्छे दिन' आने वाले हैं।
 

पार्टी सूत्रों के मुताबिक युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे एक अच्छे नेता हैं। वह स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर अच्छी चर्चा करने की काबिलियत रखते हैं। वह जमीनी स्तर के नेताओं के साथ ही लोगों से अपने को जोड़ना जानते हैं। सेना प्रमुख के करीबी हर्षल प्रधान के मुताबिक आदित्य साल 2009 में राजनीति में उतरे और तब से वह एक सक्रिय कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं।

युवाओं को साथ जोड़ कर आदित्य ने समझे मुद्दे


उन्होंने पर्दे के पीछे रहते हुए युवाओं को अपने साथ जोड़ते हुए दूसरी पंगत के नेताओं की फौज तैयार की। प्रधान के मुताबिक पिछले दस सालों के दौरान उन्होंने प्रदेश भर का दौरा कर जमीनी स्तर पर मुद्दों को समझा। इसी के बाद उन्होंने तय किया कि वह पारिवारिक प्रथा को तोड़ते हुए विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

युवा सेना सविच वरुण सरदेसाई ने दावा किया कि वह एक मात्र ऐसे नेता हैं जिसकी उम्र 30 साल से कम है और जिसने पूरे राज्य का भ्रमण किया। अपनी 'जन आशीर्वाद' यात्रा के दौरान उन्होंने 75 युवाओं के सात 'आदित्य संसद' की । इस दौरान लोगों से मिली जानकारी को एकत्र कर शिवसेना का चुनावी पत्र तैयार किया गया। 

आदित्य को डिप्टी सीएम बना सकती है भाजपा


आदित्य ठाकरे के मैदान में आने से 'अच्छे दिन' की उम्मीद उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश कर रही है। पार्टी का मानना है कि शिवसेना को आदित्य ठाकरे के मैदान में आने से 'अच्छे दिन' की उम्मीद है और भाजपा बराबर-बराबर समय के लिए मुख्यमंत्री बनाएगी। इसके साथ ही वह आदित्य को डिप्टी सीएम बनाने पर भी मान सकती है।

शिवसेना के सूत्र के मुताबिक साल 2014 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना को 63 सीट मिली थीं। उस समय कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री का दावा पेश करने पर समर्थन देने का वादा किया था, लेकिन उद्धव ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि महज सत्ता सुख के लिए पार्टी हिंदुत्व की विचारधारा के साथ समझौता नहीं कर सकती। 

शिवसेना को आदित्य ठाकरे के मैदान में आने से 'अच्छे दिन' की उम्मीद के साथ राज्यसभा सांसद संजय राउत ने पिछले सप्ताह एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भेंट कर वर्ली से आदित्य के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारने की अपील की थी। उन्होंने पवार को याद दिलाया कि किस तरह से शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने सुप्रिया सुले को राज्यसभा का सदस्य बनने में मदद की थी। 

एमएनएस की पहली सूची में 27 प्रत्याशी


महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पहली सूची जारी कर दी है। इसमें 27 प्रत्याशियों के नाम का एलान किया गया है। सूची के मुताबिक वर्ली से किसी को भी नहीं उतारा गया है। मालूम हो कि इस सीट से शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे चुनाव लड़ रहे हैं। एमएनएस ने पुणे की कोथरुड सीट से किशोर शिंदे को उतारा है उनका मुकाबला भाजपा के चंद्रकांत पाटिल से होगा।

एमएनएस ने मुंबई की माहिम सीट से संदीप देशपांडे, चेंबूर से कर्णबाला दुनबले, कलिना से संजय तुर्डे, गोरेगांव से विरेंद्र जाधव, वर्सोवा से संदीप देसाई, घाटकोपर पश्चिम से गणेश चुक्कल, बांद्रा पूर्व से अखिल चित्रे, दिंडोसी से अरुण सुर्वे और दहिसर से राजेश येरूनकर को उतारा है। मालूम हो कि इसी साल हुए लोकसभा चुनावों में एमएनएस ने एक भी सीट से चुनाव नहीं लड़ा था।