आतंकी हमले से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियां मुस्तैद, एन.आइ.ए ने बुलाई ए.टी.एस प्रमुखों की बैठक


नई दिल्ली। कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की भारत के खिलाफ जेहाद की खुली अपील और आतंकी हमले के खतरे से निपटने के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियां मुस्तैद हो गई है। इस सिलसिले में आतंक निरोधक कार्रवाई में केंद्रीय और राज्यों के एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सभी राज्यों के आंतकरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुखों की बैठक बुलाई है। बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल भी हिस्सा लेंगे।


आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में एटीएस की अहम भूमिका


एनआइए के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में एटीएस की अहम भूमिका रही है। लेकिन कई बार राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी या फिर तीखी लड़ाई भी देखने को मिली है। जाहिर है इसका फायदा आतंकियों को मिलता रहा है।


आतंकरोधी एजेंसियों की एकजुटता जरूरी


पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से सीधे जेहाद की धमकी और हमले की आतंकी तैयारियों की खुफिया रिपोर्टो को देखते हुए सभी आतंकरोधी एजेंसियों की एकजुटता जरूरी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस समय किसी तरह की गलती की कोई गुंजाइश नहीं है।


बेहतर तालमेल के लिए दो दिवसीय बैठक


वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और राज्यों के एटीएस के बीच बेहतर तालमेल के लिए अगले सोमवार और मंगलवार को दो दिन की बैठक बुलाई गई है। बैठक में एटीएस और केंद्रीय एजेंसियों के बीच सूचना के सहज आदान-प्रदान सुनिश्चित करने पर जोर दिया जाएगा। साथ ही केंद्रीय एजेंसियों की सूचना पर एटीएस की ओर से त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने की जरूरत बताई जाएगी। माना जा रहा है कि एटीएस की ओर से भी कामकाज में आ रही दिक्कतों की ओर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश होगी।


बड़े पैमाने पर आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश


एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक मिल रही खुफिया जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की ओर से भारत में बड़े पैमाने पर आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश की जा रही है। इनमें कई आतंकी घुसपैठ में सफल भी रहे हैं। यहां तक दिल्ली में भी आधा दर्जन आतंकियों के घुसपैठ की सूचना है और इसके लिए एलर्ट भी जारी किया जा चुका है।


सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई से बचने के लिए आतंकियों के तेजी से अपना ठिकाना बदलने की बात सामने आई है। ऐसे में राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और त्वरित कार्रवाई के बल पर आतंकियों के मंसूबे को ध्वस्त किया जा सकता है।