लखनऊ । गौतमपल्ली थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने जिन दो जालसाजों को गिरफ्तार किया था, उन्होंने सैकड़ों बेरोजगारों को ठगी का शिकार बनाया। कई पीडि़तों ने जालसाजों की अखबारों में फोटो के साथ खबर देखकर फोन पर पुलिस से संपर्क किया। ठगी का शिकार हुए लोगों ने गौतमपल्ली थाने में जालसाजों के खिलाफ शनिवार को एक एफआइआर भी कराई है।
फरार साथी की तलाश जारी
गौतमपल्ली पुलिस जालसाजों पर गैंगस्टर के साथ अन्य सख्त कार्रवाई करने की भी संस्तुति कर रही है। पकड़े गए जालसाजों में मूलरूप से सुलतानपुर के अखंडनगर निवासी आलोक दुबे और दुर्गेश प्रताप सिंह हैं। उसके फरार नामजद साथी आजमगढ़ निवासी संजय चतुर्वेदी की पुलिस तलाश कर रही है। संजय के मिलने के बाद जालसाजी से संबंधित कई और राज से पर्दे उठ सकते हैं।
बड़े बड़े अधिकारियों के नाम पर की ठगी
सभी जालसाज मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सांसद व उच्चाधिकारियों के फर्जी लेटर पैड का इस्तेमाल करके पीडि़तों से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। गौरतलब है कि जालसाजों ने मुख्यमंत्री का निजी सचिव, विशेष कार्याधिकारी बताकर डीएम बांदा, गाजियाबाद के सहायक आयुक्त वाणिज्यकर को फोन करके ट्रांसफर-पोस्टिंग समेत अन्य गलत काम करवाने का दबाव बनवाया।