EOW ने पावर कारपोरेशन व ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल से की पूछताछ

बिजली कर्मियों के भविष्य निधि घोटाले (UPPCL PF Scam) के मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) के अधिकारियों ने पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष संजय अग्रवाल से दिल्ली जाकर पूछताछ की है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात वरिष्ठ आइएएस अधिकारी संजय अग्रवाल वर्तमान में केंद्रीय कृषि सचिव हैं। सूत्रों का कहना है कि उनसे कई बिंदुओं पर सवाल-जवाब किए गए। ईओडब्ल्यू इसके साथ ही ब्रोकर फर्मों से जुड़े कई खातों की भी गहनता से जांच कर रही है। ईओडब्ल्यू ने पीएफ घोटाले की जांच संभालते ही शक्ति भवन के दूसरे तल स्थित ट्रस्ट के कार्यालय में छानबीन की थी और कई अहम दस्तावेज कब्जे में लिए थे। जांच में सामने आया था कि 15 मार्च, 2017 को निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) से कोटेशन लिया गया था। अगले ही दिन 16 मार्च को दो और निजी कंपनियों से कोटेशन लिए गए थे और इसी दिन डीएचएफएल में भविष्य निधि की रकम निवेश किये जाने का अप्रूवल दे दिया गया था। 16 मार्च 2017 को ही तत्कालीन एमडी एपी मिश्र ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया था। 17 मार्च को डीएचएफसीएल को 18 करोड़ रुपये की पहली किस्त आरटीजीएस के जरिये दे दी गई थी।ईओडब्ल्यू की जांच में यह भी सामने आया था कि 22 मार्च 2017 को ट्रस्ट बोर्ड की बैठक में भविष्य निधि की रकम डीएचएफएल में निवेश किए जाने का अप्रूवल दिया गया था। पांच सदस्यीय बोर्ड की बैठक संबंधी जो दस्तावेज ईओडब्ल्यू के हाथ लगे थे, उसमें उप्र पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष संजय अग्रवाल, एमडी एपी मिश्र, निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी, सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता व निदेशक कार्मिक सत्यप्रकाश पांडेय (दिवंगत हो चुके) के हस्ताक्षर थे। जांच में ट्रस्ट बोर्ड की बैठक की नोटशीट में तारीख बदले जाने की बात भी सामने आई थी।ईओडब्ल्यू ने इसके बाद ही बोर्ड बैठक के सभी सदस्यों की भूमिका की गहनता से जांच शुरू की थी। प्रकरण में ईओडब्ल्यू आरोपित सुधांशु द्विवेदी, एपी मिश्र, पीके गुप्ता, पीके गुप्ता के बेटे अभिनव गुप्ता व फर्जी ब्रोकर फर्म संचालक आशीष चौधरी को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तार पांच आरोपितों के अलावा कई अन्य की भूमिका की सिलसिलेवार जांच की जा रही है।