भारतीय नौसेना की और बढ़ी ताक जिसमे डोर्नियर विमानों की नई स्क्वॉड्रन शामिल, पाक सीमा के पास तैनात


भारतीय नौसेना ने शुक्रवार को गुजरात के पोरबंदर शहर में डोर्नियर गश्ती विमानों की छठी स्क्वाड्रन को शामिल कर लिया। पाकिस्तान से लगती सीमा के करीब बेहद अहम सामरिक स्थिति वाले इस क्षेत्र में इन विमानों की तैनाती से तटीय सुरक्षा को नई मजबूती मिलेगी। इस स्क्वाड्रन की तैनाती के बाद अब भारतीय नौसेना यहां के समुद्री क्षेत्र में पाकिस्तान की छोटी से छोटी गतिविधि पर आसानी से नजर रख सकेगी।
 

डिप्टी चीफ ऑफ नेवल स्टाफ वाइस-एडमिरल एमएस पवार ने डोर्नियर विमानों की इस नई स्क्वाड्रन को नौसेना में शामिल किया। 'रैप्टर' के नाम से मशहूर भारतीय नौसेना एयर स्क्वाड्रन 314 अब चार अगली पीढ़ी के डोर्नियर विमानों के साथ संचालित होगी।

इन्हें शामिल करते हुए वाइस-एडमिरल पवार ने कहा, उत्तरी अरब सागर में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और निगरानी को बढ़ाने के हमारे प्रयासों में आईएनएएस 314 को शामिल करना एक और मील का पत्थर है।

उन्होंने कहा, अपनी रणनीतिक स्थिति के कारण यह स्क्वाड्रन इस अहम क्षेत्र में किसी भी गतिविधि का सबसे पहले जवाब देगा। नौसेना की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि आईएनएएस 314 स्क्वाड्र की कमांड कैप्टन संदीप राय के हाथ में रहेगी, जो विभिन्न जटिल अभियानों के मामले में बेहद अनुभवी है और डोर्नियर क्वालिफाइड नेविगेशन इंस्ट्रक्टर हैं।

कानपुर में तैयार हुए हैं ये डोर्नियर विमान


नौसेना के मुताबिक, स्क्वाड्रन में शामिल किए गए मल्टी-रोल एसआरएमआर (कम दूरी के समुद्री टोही) विमान हैं। दोहरे टर्बोप्रॉप इंजन के साथ संचालित इन विमानों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की कानपुर इकाई में किया गया है।

नेवी ने 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत एचएएल को 12 डोर्नियर विमानों की खरीद का ऑर्डर दिया था, जिनमें से चार विमानों की यह पहली खेप पहुंच गई है। अभी 8 ऐसे विमान और नेवी को दिए जाएंगे। इन विमानों में अत्याधुनिक सेंसर व उपकरण लगाए गए हैं, जिनमें ग्लास कॉकपिट, एडवांस सर्विलांस राडार, ऑप्टिकल सेंसर और नेटवर्किंग से जुड़े एडवांस फीचर शामिल हैं।