बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय(एसवीडीवी) में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति का विरोध करने वाले छात्रों ने अब एक बार फिर रुद्राभिषेक करने का निर्णय लिया है। रविवार को रुइया हॉस्टल संस्कृत ब्लॉक के उद्यान में हुई बैठक में आंदोलन की रणनीति पर फैसला हुआ।
संकाय के आनंद मोहन झा ने बताया कि बैठक में आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत सुबह 10 बजे रूद्राभिषेक और शाम चार बजे सिंह द्वार लंका पर सभा की जाएगी।
धरना हुआ खत्म
बीएचयू में डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर चल रहा धरना खत्म होने के बाद अब सभी को विश्वविद्यालय प्रशासन के अगले कदम का इंतजार है। कारण, डॉ. फिरोज के एसवीडीवी में आने और क्लास लेने आदि को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है। उधर, नियुक्ति को लेकर विरोध और समर्थन दोनों जारी हैं।
संकाय के आनंद मोहन झा ने बताया कि बैठक में आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत सुबह 10 बजे रूद्राभिषेक और शाम चार बजे सिंह द्वार लंका पर सभा की जाएगी।
धरना हुआ खत्म
बीएचयू में डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर चल रहा धरना खत्म होने के बाद अब सभी को विश्वविद्यालय प्रशासन के अगले कदम का इंतजार है। कारण, डॉ. फिरोज के एसवीडीवी में आने और क्लास लेने आदि को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है। उधर, नियुक्ति को लेकर विरोध और समर्थन दोनों जारी हैं।
एसवीडीवी के साहित्य विभाग में पांच नवंबर को साक्षात्कार और छह को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद से डॉ. फिरोज का विरोध चल रहा था। सोलहवें दिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों का धरना समाप्त करने में सफल रहा, लेकिन डॉ. फिरोज के विभाग आने के बारे में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। सूत्रों के अनुसार, वह बीएचयू के एक बड़े अधिकारी के साथ ही नियुक्ति की मानीटरिंग करने वाले विभाग के एक कर्मचारी के संपर्क में हैं। उधर, शनिवार को संकाय प्रमुख, साहित्य विभाग के अध्यक्ष और शिक्षक परीक्षा की तैयारी में लगे रहे।
डॉ. फिरोज की नियुक्ति के खिलाफ लामबंद हुए बीएचयू के प्रोफेसर
बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लामबंद हो गए हैं। छह पूर्व संकाय प्रमुखों समेत 50 से अधिक प्रोफेसरों (वर्तमान में एमेरिटस, डिस्टिंग्विस प्रोफेसर और शिक्षक भी शामिल) ने विश्वविद्यालय के विजिटर (राष्ट्रपति) और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर नियुक्ति को विधि विरुद्ध करार दिया है। उन्होंने कहा है कि बीएचयू में इस संकाय के अलावा संस्कृत भाषा के लिए अलग संकाय हैं। धर्म विज्ञान संकाय में गैर हिंदू की नियुक्ति ठीक नहीं है।