बढ़ते प्रदूषण और तनाव भरी जिंदगी के बीच लोगों को कुछ पल सुकून के देने की कवायद लखनऊ मेट्रो कर रही है। जल्दी ही लखनऊ मेट्रो की ट्रेनों को 'साइलेंट ट्रेन' बनाया जाएगा। इसके लिए जहां मेट्रो प्रबंधन अपनी तरह से कुछ पहल करेगा, वहीं कुछ पहल अपने यात्रियों से भी कराए जाने की अपील यात्रा के समय की जाएगी।
लखनऊ मेट्रो के एमडी कुमार केशव खुद इस पूरी पहल के पीछे हैं। उनका कहना है कि मेट्रो की ट्रेनों में यात्रा को सुखद बनाने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। 'साइलेंट ट्रेन' भारत के लिए भले ही नया प्रयोग हो, लेकिन यूरोप के देशों में कई जगह ऐसा किया जा चुका है।
ट्रेनों के संचालन के शुरुआत से ही हमने म्यूजिक नहीं बजाने जैसे प्रतिबंध लगाए हुए हैं। अब यात्रियों की सहमति से कुछ और कदम उठाकर ऐसा बनाया जाएगा जिससे शोर नहीं हो।
फोन पर बात नहीं करने की अपील
'साइलेंट ट्रेन' बनाने के लिए जहां यात्रियों से फोन पर बात नहीं करने के लिए अपील की जाएगी। वहीं ट्रेन के अंदर होने वाले अनाउंसमेंट को पहले धीमी आवाज में न्यूनतम और फिर पूरी तरह बंद किया जाएगा। केवल जरूरी अनाउंसमेंट ही ट्रेन में किए जाएंगे।
अगले स्टेशन की सूचना भी ट्रेन के कोच के अंदर लगीं एलईडी स्क्रीन पर ही दिखाई देगी। म्यूजिक बजाने से लेकर तेज आवाज में बात नहीं करने को भी दूसरे यात्रियों को परेशान करने वाला माना जाएगा।
लोग खुद आगे आएं
मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि 'साइलेंट ट्रेन' बनाने के लिए यात्रियों के साथ जबरदस्ती नहीं की जाएगी। लोगों को खुद ही मेट्रो को 'साइलेंट ट्रेन' बनाने के लिए स्वेच्छा से अपनाने के लिए अपील की जाएगी।
अगले स्टेशन की सूचना भी ट्रेन के कोच के अंदर लगीं एलईडी स्क्रीन पर ही दिखाई देगी। म्यूजिक बजाने से लेकर तेज आवाज में बात नहीं करने को भी दूसरे यात्रियों को परेशान करने वाला माना जाएगा।
लोग खुद आगे आएं
मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि 'साइलेंट ट्रेन' बनाने के लिए यात्रियों के साथ जबरदस्ती नहीं की जाएगी। लोगों को खुद ही मेट्रो को 'साइलेंट ट्रेन' बनाने के लिए स्वेच्छा से अपनाने के लिए अपील की जाएगी।