पिथौरागढ़ विधानसभा के चुनावी समर में आखिरकार भाजपा का 'सहानुभूति' का दांव सटीक बैठा। पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव के एलान से पहले से यही माना जा रहा था कि पार्टी पंत परिवार के ही किसी सदस्य को मैदान में उतारेगी।
चुनाव स्व.प्रकाश पंत के भाई भूपेश पंत लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने सर्वे कराया तो कहानी यही बनी कि चुनाव जीतने के लिए पंत की पत्नी को ही मैदान में उतारना होगा। उपचुनाव का एलान हुआ तो पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत को प्रत्याशी बनाने में देर नहीं लगाई।
हालांकि आरंभ में चंद्रा पंत चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थीं, लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दखल से चुनाव लड़ने को राजी हो गईं। त्रिवेंद्र सरकार में भाजपा ने थराली के बाद यह दूसरा विधानसभा उपचुनाव जीता है और दोनों ही चुनाव 'सहानुभूति' की लहर पर सवार होकर लड़े गए।
चुनाव स्व.प्रकाश पंत के भाई भूपेश पंत लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने सर्वे कराया तो कहानी यही बनी कि चुनाव जीतने के लिए पंत की पत्नी को ही मैदान में उतारना होगा। उपचुनाव का एलान हुआ तो पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत को प्रत्याशी बनाने में देर नहीं लगाई।
हालांकि आरंभ में चंद्रा पंत चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थीं, लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दखल से चुनाव लड़ने को राजी हो गईं। त्रिवेंद्र सरकार में भाजपा ने थराली के बाद यह दूसरा विधानसभा उपचुनाव जीता है और दोनों ही चुनाव 'सहानुभूति' की लहर पर सवार होकर लड़े गए।
कांग्रेस की उम्मीदें पूर्व विधायक मयूख महर पर टिकी थीं
कांग्रेस की उम्मीदें पूर्व विधायक मयूख महर पर टिकी थीं। उनके चुनाव न लड़ने के एलान के बाद सियासी हलकों में कांग्रेस के आधी लड़ाई हार जाने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। हालांकि 'सहानुभूति', प्रदेश में सरकार और मजबूत सांगठनिक नेटवर्क के बावजूद भाजपा को कांग्रेस ने कड़ी टक्कर देकर चौंकाया है। मयूख महर के मैदान से हटने के बाद कांग्रेस को नए चेहरे अंजू लुंठी पर दांव लगाना पड़ा था।
बेशक भाजपा यह कह रही है कि चंद्रा पंत ने अपने पति प्रकाश पंत से बड़ी जीत दर्ज की है, लेकिन उनकी जीत के और बड़े अंतर की उम्मीद की जा रही थी। इसलिए विधानसभा में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भाजपा के लिए यह जीत राहत देने के साथ 2022 के विधानसभा चुनाव का अलार्म भी मानी जा रही है। हालांकि भाजपा के इस प्रदर्शन ने कांग्रेस को यह कहने का बहाना दिया है कि मयूख महर मैदान में होते तो तस्वीर कुछ और होती।
बेशक भाजपा यह कह रही है कि चंद्रा पंत ने अपने पति प्रकाश पंत से बड़ी जीत दर्ज की है, लेकिन उनकी जीत के और बड़े अंतर की उम्मीद की जा रही थी। इसलिए विधानसभा में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भाजपा के लिए यह जीत राहत देने के साथ 2022 के विधानसभा चुनाव का अलार्म भी मानी जा रही है। हालांकि भाजपा के इस प्रदर्शन ने कांग्रेस को यह कहने का बहाना दिया है कि मयूख महर मैदान में होते तो तस्वीर कुछ और होती।