उत्तर प्रदेश में 10 पैसे प्रति किमी. महंगा होगा रोडवेज बस का किराया, अंतिम फैसला एसटीए की बैठक तय करेगी।


रोडवेज बसों का किराया दस पैसे प्रति किलोमीटर महंगा होगा। इस पर शुक्रवार को हुई परिवहन निगम की बोर्ड बैठक में सहमति बन गई है। इसकेबाद स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एसटीए) की बैठक में स्वीकृति मिलने के बाद ही बढ़ा हुआ किराया लागू किया जा सकेगा।


दरअसल, शुक्रवार को निदेशक मंडल की 226वीं बोर्ड बैठक आहूत की गई, जिसकी अध्यक्षता परिवहन निगम के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने की। प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर व विशेष सचिव डॉ. अखिलेश कुमार मिश्र की मौजूदगी में सात महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसले लिए गए हैं। 


बता दें कि करीब सवा दो साल बाद परिवहन रोडवेज बसों के किराए में वृ्द्धि कर रहा है। डीजल की बढ़ी हुई कीमतों, कर्मचारियों के वेतन वृद्धि व बस संचालन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से यह बढ़ोत्तरी की गई है। 


इसकेअतिरिक्त पैसेंजरों की सुविधाओं को उत्कृष्ट बनाने में मदद मिलेगी। वर्तमान किराए में दस पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर की दर से वृद्धि को मंजूरी दी गई है। एसटीए की बैठक में इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।


10 रुपये प्रति सौ किमी महंगा होगा सफर
यात्री किराए में बढ़ोतरी से प्रत्येक सौ किलोमीटर के सफर पर पैसेंजरों का किराया 10 रुपये बढ़ जाएगा। मसलन, लखनऊ से सीतापुर के बीच 80 किमी दूरी का किराया 98 रुपये है। ऐसे में आठ रुपये की वृद्धि हो जाएगी। ऐसे ही गोरखपुर के लिए किराया करीब तीस रुपये बढ़ जाएगा। किराए वृद्घि को अभी लागू नहीं किया जा रहा है। एसटीए बैठक के बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा।


लम्बित महंगाई भत्ते का होगा भुगतान
बोर्ड बैठक में नियमित कर्मचारियों के लंबित महंगाई भत्ते के भुगतान को भी मंजूरी मिल गई। उत्तर प्रदेश के तकरीबन 22 हजार कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। हालांकि, इससे निगम पर 43 करोड़ रुपये का भार बढ़ेगा। ऐेसे ही आवास भत्ते और नगर प्रतिकर भत्ते का भी भुगतान होगा। जिससे  45 करोड़ रुपये का लोड बढ़ेगा। वहीं बैठक में इस पर भी सहमति बनी कि 31 दिसंबर, 2001 तक संविदा पर कार्यरत ड्राइवर व कंडक्टर हैं, उन्हें नियमित किया जाएगा। ये 710 के आसपास हैं। शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।


शहर के बाहर शिफ्ट होंगे बस अड्डे
बसों के बेहतर संचालन के लिए बोर्ड ने नगर निगम एवं नगर पालिका क्षेत्र में पड़ने वाले बस अड्डों से जाम व दुर्घटनाएं न हों, इसलिए उन्हें शहर केबाद शिफ्ट किया जाएगा। इसकेलिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। ऐसे ही परिवहन निगम के सभी रिकार्ड डिजिटल किए जाएंगे। निगम मुख्यालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू होगी और परिवहन निगम की वेबसाइट हाईटेक बनेगी व एमआईएस को ऑनलाइन किया जाएगा।