भाजपा की पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले ने नई पार्टी की स्थापना की है। इसका नाम कांशीराम बहुजन समाज पार्टी रखा गया है, जिसकी प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष भी वहीं बनी हैं। राजधानी के चारबाग स्थित रविंद्रालय में आयोजित एक कार्यक्रम में इसकी विधिवत घोषणा की गई।
सावित्री बाई फुल ने भाजपा में रहते हुए ही बगावती तेवर अपनाए थे। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वे कांग्रेस में चली गईं और उसके टिकट पर ही चुनाव लड़ा। चुनाव के दौरान वे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की गंगा यात्रा में भी प्रमुखता से रहीं। लेकिन, अब उन्होंने कांग्रेस को बाय-बाय कह दिया है। रविवार को नमो बुद्धाय जन समिति के बैनर तले द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष अक्षयवर नाथ कन्नौजिया ने नई पार्टी के गठन की घोषणा की। कन्नौजिया ने कहा कि दलितों व दबे-कुचलों की आवाज बनने के लिए पार्टी का गठन किया गया है। नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष सावित्री बाई फुले ने कहा कि कांशीराम के अधूरे सपने को पूरा करने के लिए नई पार्टी बनाई है।
यह पहले से मौजूद किसी पार्टी की कॉपी नहीं है, बल्कि वंचितों की आवाज है। फुले ने कहा कि उन्होंने पूरे देश में संविधान बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया। इस दौरान मिले अपार समर्थन ने उनका उत्साह बढ़ाया।