अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद नजरबंद चार और कश्मीरी नेताओं की नजरबंदी हटा दी गई हैं। इनमें पीडीपी के एक पूर्व मंत्री तथा विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष भी शामिल हैं। इससे पहले गुरुवार को पांच नेताओं को एमएलए हॉस्टल से रिहा किया गया था। सरकार की ओर से धीरे-धीरे बंदियों की रिहाई की जा रही है।
जिन नेताओं की नजरबंदी हटी है उनमें विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष नजीर अहमद गुरेजी (नेकां), पीडीपी के पूर्व मंत्री अब्दुल हक खान, पीपुल्स कांफ्रेंस के पूर्व विधायक मोहम्मद अब्बास वानी और कांग्रेस के पूर्व विधायक अब्दुल राशिद शामिल हैं। गुरुवार की देर रात इनकी नजरबंदी समाप्त की गई।
इससे पहले वीरवार को रिहा होने वालों में नेकां के पूर्व विधायक अल्ताफ कल्लू व पूर्व एमएलसी शौकत गनेई, पीडीपी के पूर्व एमएलसी निजामुद्दीन बट, श्रीनगर के पूर्व मेयर व नेकां नेता सलमान सागर तथा पीडीपी नेता मुख्तार बंद शामिल हैं।
फारूक, उमर, महबूबा अब भी बंद
पांच अगस्त से पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती समेत सैकड़ों नेता व कार्यकर्ता बंद हैं। फारूक को 17 सितंबर से पीएसए में निरुद्ध किया गया है। पिछले दिनों प्रशासन ने 26 बंदियों से पीएसए हटा लिया था। महबूबा मुफ्ती को चश्मे शाही से पहले ही शिफ्ट कर शहर में एक सरकारी आवास में रखा गया है। उमर को हरि निवास में रखा गया था जहां से उन्हें उनके आधिकारिक आवास के पास एक घर में स्थानांतरित करने का फैसला किया गया है।