माफियाओं से सांठगांठ के आरोप में निलंबित हुए स्पेक्टर को कैसे मिली कोतवाली।
कौशांबी। कोखराज थाना में इंस्पेक्टर रहे उदयवीर सिंह पर पशु तस्करों से सांठगांठ कर गोवंश की तस्करी कराए जाने का आरोप लगा था जिस पर शिकायत की सत्यता जानने के बाद तत्कालीन एडीजी के निर्देश पर पुलिस कप्तान कौशांबी ने एडीजी के निर्देश पर कोतवाल उदयवीर सिंह को कोखराज से निलंबित कर दिया था जिसकी अंतिम जांच लंबित थी बाद में उदयवीर सिंह को मंझनपुर कोतवाली का दायित्व सौंप दिया गया उदयवीर सिंह को माफियाओं से सांठगांठ के आरोप में बर्खास्त किया जाना था लेकिन तत्कालीन पुलिस कप्तान ने कोखराज के निलंबित इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह को क्लीन चिट दे दी यह बड़ा सवाल है पशु तस्करों से सांठगांठ का आरोप लगा हो और विभागीय जांच के दौरान आरोपी को निलंबित किया गया हो आरोपों की पुष्टि के लिए जब जांच अधिकारी नियुक्त किया गया तो पहले की गई कार्यवाही का उन्होंने बिना संज्ञान लिए निलंबित इंस्पेक्टर को कैसे क्लीन चिट दे दी है यह बड़ा सवाल है और उदयवीर सिंह के निलंबन और पुनः बहाली के प्रकरण की पत्रावली की यदि उच्चाधिकारियों ने जांच कराई तो इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह के साथ-साथ जांच करने वाले अधिकारी पर भी शासन की गाज गिरना तय है लेकिन क्या योगीराज में मनमानी करने वाले पुलिस अधिकारियों के कार्यों पर निष्पक्ष जांच हो पाएगी यह व्यवस्था पर बड़ा सवाल है लेकिन उदय वीर सिंह के मामले में लगे आरोपों की पुनः जांच कराई गई तो जहां इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह पर गाज गिरना तय है वहीं इन्हें क्लीनचिट देने वाले अधिकारी पर भी गाज गिर सकती है