भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) साल 2021 में अपना पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान भेजने वाला है। इसके लिए इसरो ने देशभर से चार लोगों का चुनाव किया है जो इस मिशन के जरिए चांद पर जाएंगे। अंतरिक्ष यात्री इस महीने के तीसरे सप्ताह में विशेष प्रशिक्षण के लिए रूस रवाना होने वाले हैं। इसीलिए भारतीय अंतरिक्षयात्रियों के लिए विशेष तरह का खाना बनाया गया है।
भारतीय अंतरिक्षयात्रियों के लिए खाने का जो मेन्यू तैयार किया गया है कि उसमें एग रोल्स, वेज रोल्स, इडली, मूंग दाल का हलवा और वेज पुलाव शामिल है। जिसे मैसूर के रक्षा खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला में तैयार किया गया है। अतंरिक्षयात्रियों को खाना गर्म करने के लिए फू़ड हीटर्स भी दिए जाएंगे।
इसके अलावा अंतरिक्षयात्रियों को पीने के लिए पानी और जूस दिया जाएगा। चूंकि अतंरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता है इसलिए गगनयान अभियान में जाने वालों के लिए ऐसे विशेष कंटेनर बनाए गए हैं जिनमें वह इसे लेकर जा सकें।
बता दें कि अतंरिक्षयात्रियों का यह खाना स्वस्थ है और एक साल तक चल सकता है। हालांकि एक बार पैकेट खुलने के बाद उसे 24 घंटों के अंदर खाना होगा। इस खाने को आधा खाकर नहीं रखा जा सकता। जब आप पैकेट खोल देते हैं तो ये सामान्य खाने की तरह बन जाता है।
इसरो के साथ रक्षा खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला (डीएफआरएल) ने गगनयान के लिए एक करार किया है। जिसके अनुसार अभियान के लिए वह 60 किलो खाना औपर 100 लीटर पानी उपलब्ध कराएगा। साल 2022 में गगनयान से चार भारतीय अंतरिक्ष में जाएंगे। जो सात दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे।
डीएफआरएल के निदेशक डॉ. अनिल दत्त सेमवाल ने बताया कि पृथ्वी की तुलना में अंतरिक्ष यात्रियों का चलना-फिरना कम होगा और गुरुत्वकर्षण की वजह से वह अख्सर तैरते रहेंगे। ऐसे में उनकी कैलोरी की मांग कम होगी। इसके बावजूद उनके सुबह के नाश्ते, दोपहर व रात के खाने की तैयारी की जा रही है।