15 अप्रैल के बाद बिना पंजीकरण कराए मुंशियों का जिला अदालतों में प्रवेश वर्जित।
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की सभी जिला अदालतों को एक अप्रैल 2020 से बिना एडवोकेट रोल नंबर के वकालतनामा स्वीकार न करने का निर्देश दिया है। इससे पहले कोर्ट ने सभी जिला जजों को वकीलों का एडवोकेट रोल तैयार करने निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा है कि जिले के बाहर से बहस के लिए आने वाले वकीलों को संबंधित जिला अदालत के रोल वाले अधिवक्ता का वकालतनामा लगाना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने अधिवक्ता क्लर्क को अपना पंजीकरण करा लेने का निर्देश दिया है और कहा है कि 15 अप्रैल के बाद गैर पंजीकृत एडवोकेट क्लर्क को अदालत परिसर में प्रवेश की अनुमति नही होगी। याचिका की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने बिजनौर अदालत में गोली काण्ड को लेकर कायम जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने बिजनौर जिला अदालत में सुरक्षा कारणों से गेट संख्या तीन बंद कर प्रशासन द्वारा बनायी गयी दीवाल को ढहाने के आरोपी तीन वकीलों रामेन्द्र सिंह, शिव कुमार गहलौत व पीताम्बर सिंह को आपराधिक अवमानना नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। तीनों वकीलों को कोर्ट ने 20 मार्च को हाजिर होने का निर्देश दिया है। साथ ही बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व सचिव को भी अन्य आरोपियों की पहचान करने व कोर्ट को सहयोग देने के लिए बुलाया है। सीतापुर जिला अदालत में मुकदमा हार जाने के बाद भी अधिवक्ता बार संगठन द्वारा अदालत की जमीन से कब्जा न हटाने के मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है और जिला जज सीतापुर को दो सप्ताह में पुलिस की मदद लेकर जमीन खाली कराने के कदम उठाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने 20 मार्च को कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने हाईकोर्ट के स्टाफ को ड्रेस कोड में आने का निर्देश दिया है और महानिबंधक से ड्रेस कोड अमल मे न लाने पर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही 16 मार्च से किसी भी स्टाफ को बिना ड्रेस व आई कार्ड के परिसर में प्रवेश की अनुमति न देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने आदेश की सूचना सभी जिला जजों एवं बार संगठनों को देने का निर्देश दिया है।