नई दिल्ली। पूरा देश कोरोना के संकट से जूझ रहा है, लोग तमाम सावधानियां बरत रहे है। लेकिन कोलकाता में कोरोना से जुड़ा एक अलग ही मामला सामने आया। जहां एक हाईकोर्ट के वकील ने राहत नहीं मिलने पर जज को कोरोना होने की बद्ददुआ दे दिया। जिससे नाराज जज ने इसे कोर्ट की अवमानना मानते हुए वकील को नोटिस थमा दी। जिसकी सुनवाई गर्मियों की छुट्टी के बाद होगी।
दरअसल कोलकाता हाईकोर्ट में कालिदास दत्ता बनाम इलाहाबाद बैंक के सहायक मैनेजर मामले में कालिदास की ओर से वकील बिजॉय अधिकारी ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की। अधिवक्ता ने मामले में तुरंत सुनवाई कर अंतरिम आदेश जारी करने की मांग की।
याचिकाकर्ता का कहना था कि लोन की कुछ राशि अदा न करने पर बैंक ने याचिकाकर्ता की बस जनवरी माह में जब्त कर ली थी। अब बैंक बस की नीलामी करने जा रहा है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। जस्टिस दीपांकर ने उक्त मामले में जल्द सुनवाई से इनकार किया और आदेश लिखवाना शुरू किया।
जिसपर अधिवक्ता को लगा कि कोर्ट उन्हें सुन नहीं रही है। जिसके बाद वें आपा खो बैठें। उसने पहले तो एड्रेसिंग टेबल को धक्का दिया। फिर अपना माइक्रोफोन कई बार टेबल पर पटका।’ और इसके बाद बौखलाते हुए ओपन कोर्ट में जज से दुर्व्यवहार किया। उसने कहा- ‘भगवान करे आपको कोरोना हो जाए। आपका करियर बर्बाद हो जाए।’
जज दीपांकर दत्ता की पीठ ने वकील बिजॉय अधिकारी के दुर्व्यवहार को कोर्ट की अवमानना माना। जज ने वकील को नोटिस जारी करते हुए कहा- ‘न तो मुझे अपने भविष्य की चिंता है और न ही कोरोना का डर। कोर्ट की गरिमा मेरे लिए सर्वाेपरि है। आपने उस गरिमा का हनन किया है। इसलिए आप आपराधिक अवमानना के प्रथम दृष्टत्या आरोपी हैं। मामले की सुनवाई कोर्ट की गर्मियों की छुट्टी के बाद होगी।