कौशाम्बी। कोरोनावायरस की महामारी के बाद केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है जिससे लोगों को घरों से निकलना नहीं हो रहा है और लोगों के काम धंधे रोजगार बंद हो गए हैं
इन दिनों लोगों के पास अपनी जमा पूंजी बैंक से निकाल कर भोजन सामग्री खरीदना और जीविकोपार्जन चलाना एकमात्र उद्देश्य रह गया है जिले में तमाम ऐसे गरीब हैं जिनके पास दो वक्त की रोटी का जुगाड़ नहीं है वैसे तो तमाम सांसद विधायक और समाजसेवी संगठनों ब्यापारियों ने गरीबों के घरों तक भोजन पैकेट और भोजन सामग्री पहुंचाना शुरू किया है लेकिन प्रत्येक गरीब तक भोजन सामग्री और भोजन पैकेट नहीं पहुंच पा रहे हैं
और तमाम ऐसे गरीब भी पड़े हैं जो स्वाभिमान के चलते भीड़ के बीच लोगों से भोजन सामग्री भोजन पैकेट लेने में हिचकिचाते हैं अब इस तरह के गरीबों के सामने केवल एक रास्ता रह गया है कि वह अपना बैंक में जमा रकम को निकालकर जीविकोपार्जन के लिए भोजन सामग्री खरीद सकें
लेकिन इस संकट की घड़ी में बैंक भी गरीबों को दुत्कार कर भगा रहा है अब गरीब कमजोर बैंक की इस तानाशाही की शिकायत करने किस अधिकारी के पास जाएं जिससे उन गरीबों के साथ बैंक के कर्मचारियों द्वारा की जा रही अभद्रता की बात उभरकर सामने नहीं आ रही है
ताजा मामला बैंक ऑफ बड़ौदा मंझनपुर शाखा का है मंझनपुर कस्बे की ननकी देवी और रानी देवी का बैंक खाता बैंक ऑफ बड़ौदा मंझनपुर शाखा में है दोनों लोग शनिवार को सुबह 11:00 बजे बैंक शाखा पहुंची और पासबुक देकर बैंक से अपने खाते से कुछ रुपया निकालना चाहा उनके खातों में रुपया भी है
लेकिन बैंक के कर्मचारियों ने यह कहकर दोनों महिलाओं को बैंक से भगा दिया की तुम्हारा जनधन खाता है और जनधन खाता से सहज जन सेवा केंद्र से ही रकम निकाली जाएगी तुम्हें बैंक से रकम नहीं दी जाएगी बैंक के इस अभद्रता पूर्ण व्यवहार की शिकायत यलडीएम कार्यालय में की गई जिस पर यलडीएम कार्यालय ने बैंक के कर्मचारियों से बात की
बात आगे बढ़ती देख बैंक कर्मियों ने बाद में उन महिलाओं को बैंक से उनकी रकम निकाल दी है अब सवाल उठता है कि बैंक के कितने ग्राहक इन कर्मचारियों से पीड़ित होने के बाद आला अधिकारियों तक अपनी पीड़ा पहुंचाएंगे और आला अधिकारी उन्हें न्याय दिला पाएंगे इसलिए बैंक से अपना जमा धन निकालने जाने वालों के लिए सरकार को यह निर्देश जारी करना होगा कि बैंक में आए हुए ग्राहकों को उनके जमा धन को बिना किसी दिक्कत और परेशानी के उन्हें तत्काल दे दिया जाए तभी इस कोरोनावायरस की महामारी के संकट की घड़ी में लोगों की समस्याओं का समाधान हो सकता है।