सिद्धार्थनगर। रोज कमाकर अपना पेट भरने वाले इन दिहाड़ी मजदूरों के लिए इन दिनो लॉकडाउन की स्थिति में रोजगार का संकट छाया हुआ है। और इन्हें खाने-पीने के लाले पड़े हुए हैं। ऐसे में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल ही दूसरे राज्यों से अपने घरों की ओर निकलने को मजबूर हुए हैं या फिर दूसरे राज्यों में ही फंसे हैं। क्योंकि जिस मालिक के अंडर में वह काम कर रहे थे उसने हाथ खड़े कर दिए हैं और जहां रह रहे वहां का स्थानीय प्रशासन भी कोई सहयोग नहीं कर रहा। ऐसे ही 38 मजदूर तमिलनाडु में फंसे हुए हैं। इसमें से अधिकतर सिद्धार्थनगर व कुछ गोंडा के हैं। मजदूरों ने दैनिक जागरण अखबार से संपर्क कर सिद्धार्थनगर के कंट्रोल रूम में फोन कर अपनी व्यथा जाहिर की है।
घर लौटना चाह रहे सभी, पर कोई उपाय नहीं
कोरोना वायरस के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। इस कारण लोग जगह-जगह फंसे पड़े हैं। ऐसे ही कुछ लोग तमिलनाडु के मदुरावाल सीएच 95 में फंसे हैं। जिसमें सिद्धार्थनगर जिले के 9 लोग, गोंडा चन्द्रदीप घाट के चार लोग और गोंडा धानेपुर सहित 38 से अधिक श्रमिक फंसे हुए हैं। वे घर लौटना चाहते हैं, मगर कोई उपाय नहीं सूझ रहा। और न ही वहां खाने पीने की व्यवस्था है।