किसानों को अधिक मुआवजा बाँटकर बाबू हुए मालामाल आवासीय सर्किल रेट पर बांटा गया कृषि योग्य भूमि का मुआवजा जिन किसानों को मिला अधिक मुआवजा उनका उदाहरण दे कर अन्य किसान भी सरकार से चाहते हैं आवासीय सर्किल रेट का मुआवजा

किसानों को अधिक मुआवजा बाँटकर बाबू हुए मालामालआवासीय सर्किल रेट पर बांटा गया कृषि योग्य भूमि का मुआवजा,जिन किसानों को मिला अधिक मुआवजा उनका उदाहरण दे कर अन्य किसान भी सरकार से चाहते हैं आवासीय सर्किल रेट का मुआवजा


राष्ट्रीय राजमार्ग के फोरलेन सड़क चौड़ीकरण का मामला


कौशांबी।  जिले के आला अधिकारी अधीनस्थ कर्मचारियों पर इस कदर विश्वास कर रहे हैं कि गलत कार्यों को भी अधीनस्थ कर्मचारी अधिकारियों के सामने पत्रावली पेश करा कर कराने में सफल हो रहे हैं और गलत तरीके से तमाम आदेश कराकर अधीनस्थ कर्मचारी योजना से जुड़े लोगों से अपना कमीशन वसूल कर मालामाल हो रहे हैं ताजा मामला राष्ट्रीय राजमार्ग के कनवार से लेकर कोखराज तक फोरलेन से जुड़ा हुआ है


इस फोरलेन सड़क चौड़ीकरण के मामले में जिन किसानों की भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा अधिग्रहण किया जा रहा है उन्हें सरकारी रेट पर सरकार द्वारा मुआवजा दिया जा रहा है बीते दिनों जिले में 192 किसानों को सरकारी खजाने से मुआवजा दिया जा चुका है 


और जिन किसानों को भूमि का मुआवजा दिया गया है उस पर संबंधित बाबू ने जमकर खेल किया है और कृषि योग्य भूमि पर आवासीय सर्किल रेट निर्धारित करते हुए आवासीय भूमि का मुआवजा प्रेषित कर उन किसानों के बैंक खातों में भेज दिया है 


जब इस बात की जानकारी आला अधिकारियों को लगी तो मुआवजे का रेट बदल दिया गया और कृषि योग्य भूमि के सर्किल रेट पर मुआवजा देने की घोषणा की गई जिससे शेष बचे किसानों में आक्रोश पनप गया और इस मुद्दे से विभिन्न किसान नेताओं को धरना प्रदर्शन कर अपनी राजनीति चमकाने का मौका मिला आए दिन किसान नेता किसानों को भड़का कर अधिक मुआवजा दिलाने का आश्वासन देकर जनपद मुख्यालय से लेकर कमिश्नरी तक धरना प्रदर्शन कर आवाज बुलंद कर किसानों को आवासीय रेट पर कृषि भूमि का मुआवजा दिलाये जाने का आश्वासन दे कर अपने कुर्ते  को टाइप कर रहे हैं


 बीते दिनों जिन किसानों को मुआवजा दिया गया है उन्हें 5500 रुपया प्रति वर्ग मीटर का रेट सरकारी खजाने से दे दिया गया है जबकि यह रेट आवासीय भूमि का सर्किल रेट है जिस भूमि को किसानों की सरकार अधिकृत कर रही है वह भूमि सरकारी अभिलेखों में कृषि योग्य दर्ज है फिर आखिर किन परिस्थितियों में 192 किसानों को आवासीय सर्किल रेट पर कृषि भूमि का मुआवजा बांटा गया है यह बड़ा सवाल है और सरकारी कार्यालयों के बाबू के इस खेल की उच्चस्तरीय जांच हुई तो संबंधित बाबू पर गाज गिरना तय है लेकिन क्या योगी सरकार के खजाने को चपत लगाने वाले इन बाबुओं के कारनामों पर आला अधिकारी संज्ञान लेकर जांच कराएंगे यह बड़ा सवाल है।


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