48 पत्रकार-सामाजिक कार्यकर्ता अटल सम्मान से हुवे विभूषित

भारतरत्न अटल विहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती पर जनहित जागरण समूह के 25वीं वर्षगांठ पर आयोजन
लखनऊ। 24 दिसंबर, 2019, मंगलवार। पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल विहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती पर 48 पत्रकारों-सामाजिक कार्यकर्ताओं को 'अटल सम्मान' से विभूषित किया गया। अटल जयंती की पूर्व संध्या पर गोमतीनगर के सीएमएस में मंगलवार को इस अनुष्ठान का आयोजन जनहित जागरण परिवार समाचार समूह की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में किया गया था। उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने पत्रकारिता और सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाली विभूतियों को अंगवस्त्र, स्मृतिचिह्न और प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया। अतिथियों ने इस मौके पर पत्रिका के रजत जयंती अंक श्अटल से बना जन का संघश् विशेषांक का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पूज्य अटल विहारी वाजपेयी के प्रति पूरी दुनिया में श्रद्धा का भाव है। ऐसे मौके पर सम्मानित होने वाली विभूतियों को हमारी ओर से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं हैं। पत्रकारिता और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वालों का सम्मान होना ही चाहिए। राष्ट्रीय विषयों पर सभी को सरकार के समर्थन में आवाज बुलंद करनी चाहिए। देशहित पहले है, निजी और निहित स्वार्थ बाद में आते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के जान और माल की सुरक्षा करना भाजपा की केंद्र और प्रदेश की सरकार के प्राथमिकता में शामिल है। पत्रकारों की ताकत कलम है। इसे किसी अन्य माध्यमों की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली माना जाता है। पूज्य अटलजी भी एक पत्रकार थे, उनकी जयंती पर पत्रकारों को सम्मानित किया जाना सार्थक पहल है। अटलजी शांति के समर्थक थे, पर उन्होंने देश को परमाणु सम्पन्न राष्ट्र बनाने के लिए निरंतर प्रयास किया। ऐसे मनीषी को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए मुझे अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है।


अध्यक्षता कर रहे डॉ. योगेश मिश्र ने कहा कि बधाई उन सभी मित्रों को जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में पत्रकारिता के मानदंड स्थापित किए हैं। उन्होंने ष्मुख्तसर जिन्दगी के अजीब से अफसाने हैं। यहां तीर भी चलाने हैं और परिंदे भी बचाने हैं।ष् शेर के जरिये पत्रकारों की भूमिका को वर्तमान संदर्भों में परिभाषित किया। सोशल मीडिया ने आज पाठक, श्रोता और दर्शक को तालमेल बिठाना होगा। यह आज के पत्रकार की सबसे बड़ी चुनौती है। सम्मानित होने कर बाद आपकी भूमिका और अपेक्षा बदल जाती है। सम्मानित पत्रकारों के ऊपर आज यह दायित्व और पुख्ता तरीके से आन पड़ा है कि वह जनता की उम्मीदों पर खरे उतरते रहें। अटलजी के रचनाशीलता और स्मृति संसार को संरक्षित रखने की जिम्मेदारी आज के सम्मानित पत्रकारों के कंधों पर है।


विशिष्ट अतिथि महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया और उपजा लखनऊ के अध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार श्री भारत सिंह और प्रधान संपादक श्री शैलेश कुमार सिंह शैलू ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रधर्म पत्रिका के प्रबंध संपादक डॉ. पवनपुत्र बादल ने किया। पत्रिका समूह के संपादक श्री केके सिंह श्कृष्णाश् ने अतिथियों, सम्मानित विभूतियों और आगंतुकों का आभार जताया।
तीन समाजिक कार्यकर्ताओं को अटल सम्मान रू फूडमैन विशाल सिंह (प्रसादम सेवा द्वारा सरकारी अस्पतालों में असाध्य बीमारी से पीड़ित मरीजों के तीमारदारों और जरूरतमंदों के लिए मुफ्त भोजनसेवा)। पर्यवारण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले श्री कृष्णानंद राय और समाजसेवा के क्षेत्र में बुंदेलखंड जैसे पिछड़े इलाके में सामाजिक काम से अपनी पहचान बनाने वाले श्री शैलेन्द्र सिंह बुंदेला को सम्मानित किया गया।
45 विभूतियों को पत्रकारिता अटल सम्मान
इस दौरान तीस पत्रकारों को अटल पत्रकारिता सम्मान से नवाजा गया। इनमें डॉ. रहीस सिंह (सूचना सलाहकार, मुख्यमंत्री), श्री शलभमणि त्रिपाठी (सूचना सलाहकार मुख्यमंत्री) वरिष्ठ पत्रकार सर्वश्री एपी दीवान, वीर विक्रम बहादुर मिश्र, डॉ. योगेश मिश्र, योगेश श्रीवास्तव, श्रीधर अग्निहोत्री, अभयानंद शुक्ल, अरविंद कुमार सिंह, राजेन्द्र गौतम, केके वर्मा, विजय शंकर पांडेय श्पंकजश्, राजेश तिवारी, राजबहादुर सिंह, मसूद हसन, सैय्यद हुसैन रजा रिजवी, नंदकिशोर श्रीवास्तव, सर्वेश कुमार सिंह, मनोज भद्रा, राघवेंद्र पांडेय, जितेंद्र त्रिपाठी, उमेश पाठक, उमाशंकर त्रिपाठी, अनिल कटियार, अफरोज रिजवी, रियाज अहमद, सुशील शुक्ल, डॉ. आशीष वशिष्ठ, डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, ज्ञानेंद्र शुक्ल, नवलकांत सिन्हा, मनीष श्रीवास्तव, वीरेंद्र सिंह, बृजेश सिंह, कुमार अभिषेक, विनय राय, सोनी कपूर, धर्मेंद्र सिंह कौशिक, संजय मिश्र, अजय कुमार, अनुपम चैहान, डॉ. अतुल मोहन सिंह, समीर भटनागर (छायाकार) सुशील सहाय (छायाकार), राजकुमार (छायाकार) और लवलेश यदुवंशी (कवि) मुख्य रुप से सामिल हैं।


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