साल के आखिरी दिन अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर माह में कोर सेक्टर की ग्रोथ गिरकर (-)1.5 फीसदी रह गई। इससे पहले अक्तूबर माह में कोर सेक्टर की ग्रोथ -5.8 फीसदी रही थी।
नवंबर में यह रहा हाल
नवंबर महीने में कोयला उत्पादन -2.5 फीसदी रहा, जो कि अक्तूबर में -17.6 फीसदी रहा था। वहीं बिजली उत्पादन -5.7 फीसदी रहा जो कि अक्तूबर माह में -12.2 फीसदी रहा था। अक्तूबर माह में सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे तगड़ा झटका कोयला क्षेत्र को लगा है जिसमें उत्पादन में 17.6 फीसदी की कमी दर्ज की गई। वहीं, कच्चे तेल के उत्पादन में 5.1 फीसदी और प्राकृतिक गैस में 5.7 फीसदी की कमी आई। वहीं सीमेंट के उत्पादन में 7.7 फीसदी, इस्पात में 1.6 फीसदी और विद्युत में 12.4 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
एकमात्र उर्वरक क्षेत्र के उत्पादन में सालाना आधार पर 11.8 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। वहीं रिफाइनरी उत्पादों में महज 0.4 फीसदी वृद्धि रही, जबकि बीते साल समान महीने में 1.3 फीसदी की बढ़ोतरी रही थी।
एकमात्र उर्वरक क्षेत्र के उत्पादन में सालाना आधार पर 11.8 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। वहीं रिफाइनरी उत्पादों में महज 0.4 फीसदी वृद्धि रही, जबकि बीते साल समान महीने में 1.3 फीसदी की बढ़ोतरी रही थी।
यह होते हैं कोर सेक्टर की इंडस्ट्री
कोर सेक्टर में मुख्यतः आठ इंडस्ट्री शामिल होती हैं। यह हैं कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, स्टील, सीमेंट, बिजली, फर्टिलाइजर और रिफाइनरी उत्पाद। आईआईपी की गणना में इनका योगदान करीब 40.27 फीसदी रहता है। वैश्विक मोर्चे पर बिगड़ती स्थितियों के बीच निजी निवेश और उपभोक्ता मांग में सुस्ती से भारत की आर्थिक वृद्धि दर जून तिमाही में कम होकर पांच फीसदी पर आ गई है। यह पिछले छह साल की सबसे कम वृद्धि दर है।
अगस्त में, बिक्री में 15 महीनों में सबसे धीमी गति से विस्तार हुआ है। जिसका उत्पादन वृद्धि और रोजगार सृजन पर भी दबाव पड़ा है। इसके अलावा, कारखानों ने मई 2018 के बाद पहली बार खरीदारी में कमी की है।
अगस्त में, बिक्री में 15 महीनों में सबसे धीमी गति से विस्तार हुआ है। जिसका उत्पादन वृद्धि और रोजगार सृजन पर भी दबाव पड़ा है। इसके अलावा, कारखानों ने मई 2018 के बाद पहली बार खरीदारी में कमी की है।
राजकोषीय घाटे में दिखा सुधार
हालांकि राजकोषीय घाटे में सुधार देखने को मिला है। जुलाई-सितंबर तिमाही में यह जीडीपी का 0.9 फीसदी रहा जो कि पिछले साल की तिमाही में 2.9 फीसदी था। वित्त वर्ष के शुरुआती छह माह में छह माह में सरकार ने कुल 14.89 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, वहीं सरकार को कुल 8.37 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।
पहले छह माह में सरकार को टैक्स से कुल 6.07 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई, वहीं टैक्स के अलावा सरकार को अन्य मदों से कुल 2.09 लाख करोड़ रुपये की आय हुई थी।
Reserve Bank of India (RBI): India's Current Account Deficit (CAD) at US$6.3 billion (0.9% of GDP) in Q2 (July-September) of 2019-20 narrowed from US$19.0 billion (2.9% of GDP) in Q2 of 2018-19 & US$14.2 billion (2.0% of GDP) in the preceding quarter.
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पहले छह माह में सरकार को टैक्स से कुल 6.07 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई, वहीं टैक्स के अलावा सरकार को अन्य मदों से कुल 2.09 लाख करोड़ रुपये की आय हुई थी।