हरियाणा में सात-आठ जनवरी को चक्का जाम, पंजाब में अनाज, दूध, सब्जियों की पूर्ति रोकेंगे किसान भाई


हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने किमी स्कीम के विरोध में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया। एकजुटता से फैसला लिया कि छह जनवरी की शाम को रोडवेजकर्मी मशाल जुलूस निकालेंगे। सात-आठ जनवरी को प्रदेश में चक्काजाम किया जाएगा।
 

 

कमेटी के वरिष्ठ सदस्य वीरेंद्र सिंह धनखड़, इंद्र सिंह बधाना, दलबीर किरमारा, अनूप सहरावत ने संयुक्त रूप से कहा कि सरकार की तानाशाही व हठधर्मिता के चलते प्रदेश के कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर हैं। सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें चलाने के फैसले पर अडिग है। इससे पहले भी सरकार ने 510 प्राइवेट बसें किमी स्कीम के तहत चलाने का प्रयास किया था। 


इसमें करीब साढ़े नौ करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। सरकार ने घोटाले में शामिल दोषियों को सजा देने की बजाए किमी स्कीम के तहत 190 बसें चलाने का निर्णय लिया है, जिससे साबित होता है कि सरकार घोटाले को दबाकर अपने चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है।

जनता से सीधा सरोकार रखने वाले परिवहन विभाग का निजीकरण करने पर तुली है। प्रदेश के रोडवेज कर्मचारी इसे किसी कीमत पर सहन नहीं करेंगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि गत वर्ष भी इसी स्कीम के विरोध में लगातार 18 दिन प्रदेश में हड़ताल की गई थी। जिसे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करके खुलवाया था।


पंजाब में अनाज, दूध, सब्जियों की सप्लाई रोकेंगे किसान संगठन



कुल हिंद किसान संघर्ष समिति द्वारा आठ जनवरी को अखिल भारतीय स्तर पर करीब 250 किसान जत्थेबंदियों द्वारा किए जा रहे ग्रामीण भारत बंद के दौरान पंजाब के गांवों से अनाज, दूध, सब्जियां और चारे की सप्लाई रोक दी जाएगी। यह सारी वस्तुओं न तो गांवों से बाहर जाने दी जाएंगी और न ही किसी व्यक्ति को गांवों में कदम रखने दिया जाएगा। इसके अलावा राज्य में आठ जनवरी को रास्ते जाम करने की रणनीति भी बनाई गई है। 

चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित पंजाब की दस किसान जत्थेबंदियों द्वारा कुल हिंद किसान संघर्ष कमेटी को समर्थन देने का एलान किया गया है। इनमें डेमोक्रेटिक किसान सभा पंजाब के कुलवंत सिंह संधु, भारतीय किसान यूनियन एकता (डकौंदा) के महासचिव जगमोहन सिंह उप्पल, कुल हिंद किसान सभा (अजय भवन) के प्रधान भुपिंदर सिंह सांभर, कुल हिंद किसान सभा पंजाब के उपाध्यक्ष धर्म पाल सील, पंजाब किसान यूनियन के प्रधान रूलदू सिंह मानसा, कीर्ती किसान यूनियन पंजाब के सूबा प्रधान निर्भय सिंह ढुडिके, क्त्रसंतिकारी किसान यूनियन पंजाब के सूबा नेता डा. दर्शन पाल, किसान संघर्ष कमेटी के प्रधान इंदरजीत कोटबुड्डा, आजाद किसान संघर्ष कमेटी के प्रधान हरमिंदर सिंह टांडा और जय किसान आंदोलन के गुरबख्श सिंह बरनाला भी शामिल थे। इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि तीन जनवरी को भारत बंद का नोटिस राष्ट्रपति को राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों के जरिए भेजा जाएगा और उसकी प्रतिलिपि प्रधानमंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री को भी भेजी जाएगी।

यह हैं किसान संगठनों की मांगें
किसान नेताओं ने बताया कि ग्रामीण भारत बंद के लिए पूरे भारत के किसानों की प्रमुख मांगों के प्रति केंद्र और राज्य सरकार द्वारा साधी गई चुप्पी का विरोध किया। उन्होंने फसलों के समर्थन मूल्य को नियमित करते हुए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार समर्थन मूल्य के अनुसार 50 फीसदी मुनाफा देने, सभी किसानों के सभी कर्ज माफ करने, कृषि लागत जैसे बीज, खाद, कीटनाशक और दवाओं की लागत, आत्महत्या करने वाले किसानों के वारिसों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और 60 साल से उपर की उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये हर माह पेंशन देने की मांग की गई है।



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