हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी एकता दिखी,3 राज्यों के मुख्यमंत्री भी हुए शामिल


झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने रांची के मोरहाबादी मैदान में रविवार को राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। मंत्रिमंडल के सहयोगी के रूप में कांग्रेस के दो और राष्ट्रीय जनता दल के एक विधायक ने भी शपथ ली। शपथ ग्रहण के जरिए विपक्षी पार्टियों ने शक्ति प्रदर्शन भी किया। देश के कई राज्यों से विपक्षी पार्टी के नेता इस समारोह में शामिल हुए। शपथ ग्रहण के बाद सभी दिग्गज नोताओं ने एक दूसरे का हाथ थाम कर विपक्षी एकता का प्रदर्शन किया। 

 

कांग्रेस के दो और आरजेडी के एक विधायक ने ली मंत्री पद की शपथ


हेमंत सोरेन के साथ पाकुड़ से कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम, लोहरदगा से कांग्रेस विधायक रामेश्वर उरांव और चतरा से राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली। आलमगीर आलम झारखंड के स्पीकर भी रह चुके हैं। झारखंड के 19 साल के इतिहास में सोरेन परिवार पांचवी बार सत्ता में आया है। हेमंत सोरेन (44) के पिता शिबू सोरेन तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जबकि हेमंत ने अब राज्य में दूसरी बार मुख्यमंत्री की कमान संभाली है। इससे पहले वे वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री बने थे।


शपथ ग्रहण के बहाने दिखाई विपक्ष दलों ने एकता 


हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण में विपक्षी एकता की ताकत देखने को मिली। इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी पहुंचीं। वाम नेताओं में सीतराम येचुरी, डी. राजा और अतुल अंजान ने भी शिरकत की। इसके अलावा डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन, सांसद टी आर बालू, सांसद कनिमोझी भी पहुंचीं।

राजद के तेजस्वी यादव, शरद यादव, आप सांसद संजय सिंह भी रांची पहुंचे। इसके अलावा कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, सुबोध कांत सहाय, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और प्रदेश के पूर्व सीएम रघुवर दास भी मंच पर मौजूद रहे।




 



शपथ ग्रहण समारोह में नहीं शामिल हुए कई बड़े नाम
कई वरिष्ठ नेताओं ने इस कार्यक्रम से किनारा कर लिया। विपक्षी एकजुटता का बड़ा केन्द्र बनाने के प्रयास में जुटी कांग्रेस और झामुमो को उस समय बड़ा झटका लगा जब समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, प्रियंका गांधी वाड्रा, पी चिदंबरम, सपा के अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बसपा सुप्रीमो मायावती जैसे दिग्गज नेता रविवार को शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए।

बता दें कि झामुमो ने कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा और 81 सदस्यीय सदन में 47 सीटों के साथ सहज बहुमत हासिल किया। झामुमो ने प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में 30 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस और राजद ने क्रमश: 16 और एक सीट हासिल की। इसके अलावा हेमंत सरकार को झारखंड विकास मोर्चा का भी समर्थन हासिल है। झाविमों के तीन विधायक हैं। यानि हेमंत सोरेन सरकार को 50 विधायकों का समर्थन हासिल है।