झूठा मुकदमा दाखिल करने पर  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाया 50 हजारा का जुर्माना

इलाहाबाद कोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल कर न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग और अदालत का समय बर्बाद करने वाले याची पर हाईकोर्ट ने 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने याची को आठ सप्ताह में हर्जाने की राशि का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि कानून से खिलवाड़ करने वाले को परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना चाहिए और न्याय पाने के लिए खुद भी स्वच्छ हाथ लेकर कोर्ट आना चाहिए।


हाथरस के ओमप्रकाश की याचिका खारिज करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति  रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने दिया है। याचिका का प्रतिवाद दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अधिवक्ता बालेश्वर चतुर्वेदी ने किया।


अवैध कनेक्शन लेने के आरोप में 31 मई 2018 को याची का बिजली कनेक्शन काटने और मीटर हटाने का आदेश दिया गया। कनेक्शन काटने से पूर्व 20 मई 2018 को उसे नोटिस भी दिया गया था। इस नोटिस का उसने 26 जून 2018 को वकील के जरिए जवाब दिया था। इस बीच उसका कनेक्शन काटा जा चुका था। याची ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी।
कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि उसे कोई नोटिस नहीं मिला है। जबकि, वकील के जवाब में नोटिस का उल्लेख है। कोर्ट ने कहा कि याची हाइड एंड सीक (छुपा-छुपी) खेल रहा है।  कोर्ट ने सुप्रीमकोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि व्यर्थ की याचिका दाखिल करने और झूठा हलफनामा देने के मामले में अदालतों को भारी हर्जाना लगाना चाहिए।


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