कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अपनी मनवा ही ली, स्वतंत्र गृह सचिव पाने में सफल


हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शामिल गृह मंत्री अनिल विज प्रदेश सरकार में अपने रुतबे को खूब भुना रहे हैं। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में जहां पहले वह गृह मंत्री का ओहदा पाने में सफल रहे, वहीं उसके बाद उन्होंने सीआईडी विभाग को अपने अधीन लिया। 


 

उसके बाद जब गृह विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को लगाया गया तो उन्होंने एतराज जताया। उनकी आपत्ति इस बात पर थी कि सीएम के प्रधान सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय का कामकाज निपटाएंगे या फिर गृह विभाग का। 

इसलिए गृह विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वतंत्र प्रभार का होना चाहिए। इसे लेकर विज ने सीएम मनोहर लाल से भी बात की थी। सीएम ने विज की बात को तवज्जो देते हुए ताजा फेरबदल में आईएएस विजय वर्धन को गृह सचिव लगा दिया है। अब विज अपने विभाग के फैसले तेज रफ्तार से कर पाएंगे। सरकार ने वर्धन को गृह के साथ ही जेल व आपराधिक जांच का कार्यभार भी सौंपा है। 

इससे विज को अपने विभागों में सामंजस्य बिठाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। विज के गृह मंत्री का कार्यभार संभालने के एक माह बाद ही पूर्व गृह सचिव नवराज संधू सेवानिवृत्त हो गई थीं। उनके स्थान पर ही सीएम के प्रधान सचिव को गृह विभाग का अतिरिक्त जिम्मा सौंपा गया था। जिससे अनिल विज ज्यादा खुश नहीं थे। 

विज के एक और मुख्य विभाग शहरी स्थानीय निकाय का जिम्मा अब भी सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर के पास है। वी उमाशंकर शहरी निकाय विभाग के प्रधान सचिव हैं। विज इस विभाग में भी स्वतंत्र प्रभार का प्रधान सचिव चाहते हैं। इसके पीछे विज का तर्क है कि सीएमओ में पहले से ही काम ज्यादा होता है, ऐसे में सीएमओ के अफसर उनके विभाग को कितना समय दे पाएंगे। 

इसलिए स्वतंत्र रूप से ही किसी आईएएस को शहरी निकाय विभाग का कार्यभार सौंपा जाना चाहिए। ताजा फेरबदल में तो यह संभव नहीं हो पाया है। अब विज को अगले प्रशासनिक फेरबदल का इंतजार करना होगा। 

एनएचएम, एचएसआईआईडीसी का किसी को जिम्मा नहीं 
हरियाणा सरकार ने प्रशासनिक फेरबदल में एनएचएम की मिशन निदेशक पी अमनीत कुमार को बदलकर सेकेंडरी शिक्षा निदेशक लगाया है। चूंकि, आईएएस बलकार सिंह छुट्टी पर चल रहे थे। आईएएस डॉ. राकेश गुप्ता के पास ही सेकेंडरी शिक्षा निदेशक का जिम्मा था। 

सरकार ने पी अमनीत कुमार की जगह किसी को एनएचएम का मिशन निदेशक नहीं लगाया है। इसी तरह से एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ को भी बदल दिया गया है। उनकी जगह भी किसी को प्रबंध निदेशक का जिम्मा नहीं सौंपा गया है। इसलिए जल्द ही अगले प्रशासनिक फेरबदल की उम्मीद लगाई जा रही है।


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