नाटक निठल्ले की डायरी व बुद्धिजीवी का हुआ मंचन

बलिया। संकल्प साहित्यक  सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया द्वारा अपने 15वीं वर्षगांठ पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह संकल्प रंगोत्सव में शानदार नाट्य प्रस्तुतियों की वजह से जिले में नई सांस्कृतिक चेतना विकसित हुयी है। इस आयोजन में प्रतिदिन दो नाटकों की प्रस्तुति हो रही है। यह आयोजन कलेक्ट्रेट स्थित ड्रामा हाल में किया गया है 27 दिसंबर से शुरू इस आयोजन के दूसरे शाम की दोनों ही प्रस्तुतियां शानदार रही और अंत तक दर्शकों को बांधे रखी।


 सबसे पहले पटना की सांस्कृतिक टीम रंग यात्रा द्वारा बुद्धिजीवी नाटक का मंचन किया गया। सुप्रसिद्ध संस्कृति कर्मी हरिवंश जी द्वारा लिखित इस नाटक को निर्देशित किया था युवा रंगकर्मी निशांत ने। राजनीतिक व्यवस्था पर चोट करता मानवीय संवेदना और प्रतिरोध का नाटक  बुद्धिजीवी कोलाज शैली में प्रस्तुत किया गया। यह आधुनिक और लोक शैली का मिश्रण था। नाटक जाति, धर्म, संप्रदाय के नाम पर फैलाए जा रहे अंधेरे को उजागर करता है यह नाटक।  मनुष्य को मनुष्य बने रहने और मनुष्यता के पक्ष में खड़े होने का संदेश दे गया यह नाटक। नाटक में मुख्य रूप से सलोनी, प्रियंका संगीता, शशांक, रणधीर, राकेश कुंदन, नीतीश, रविराज, मयंक, राहुल, आर्यन, रंजन, संटू पाल, शिवानी, मानसी, प्रांशु का अभिनय शानदार रहा। पार्श्व संगीत शैलेंद्र मिश्र और निशांत का था। जबकि ध्वनि और प्रकाश व्यवस्था रणजीत कुमार ने संभाली। 


दूसरी प्रस्तुति जबलपुर विवेचना रंगमंडल के निठल्ले की डायरी सुप्रसिद्ध रंग निर्देशक अरुण पांडे के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया। नाटक ने दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ा। परसाई जी के चुटिले व्यंग्य को कलाकारों ने बखूबी प्रस्तुत किया। भाव संप्रेषण और शारीरिक भाषा के माध्यम से अंत तक लोगों को बांधने में सफल रहते हुए व्यंग के माध्यम से वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था की पोल खोलता परत दर परत यह नाटक 90 मिनट तक लोगों को हिलने नहीं दिया। अंत तक सम्मोहित करके रखा। नाटक में कक्का के भूमिका में नवीन चौबे और निठल्ले की भूमिका में संतोष राजपूत शानदार रहे। मनीष तिवारी, राकेश, राजेश वर्मा, गजनीश, इशानी मिश्रा, आराधना, ओंकार, श्रीधर, अक्षय शिवहरे, श्लोक, सोनी, किशोर रावत, दिलीप साठे की भूमिका बहुत ही सराहनीय रही। संगीत राजेश्वरी वर्मा का था और ध्वनि और प्रकाश की व्यवस्था किशोर रावत का था। नाट्य प्रस्तुति के बाद संस्था द्वारा नाटक के निर्देशकों एवं विशिष्ट जनों को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्रम देकर के सम्मानित किया गया। 


दूसरे दिन विशेष रुप से प्रोफेसर यशवंत सिंह, रामजी तिवारी, श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव, डा० कादम्बिनी सिंह, सुशील त्रिपाठी श्वेतांक, जयश मिश्र, अरविंद कुमार गुप्ता, डॉ शत्रुघ्न पांडे, डॉ राजेंद्र भारती समेत सैकड़ों लोग इस कंपकपाती ठंड में कलाकारों का हौसला बढ़ाने के लिए उपस्थित रहे। संकल्प के सचिव आशीष त्रिवेदी ने सभी कलाकारों और आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।


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