17 दिनों से लगातार शीतलहर की चपेट में दिल्ली की सर्दी ने 119 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सोमवार को पूरे दिन अधिकतम पारा 9.5 डिग्री से ऊपर नहीं जा पाया। सुबह के वक्त लोदी रोड पर न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि आया नगर में 2.5, सफदरजंग में 2.6 और पालम में 2.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
सुबह से ही घने कोहरे के कारण दिल्ली और एनसीआर में दृश्यता सीमा शून्य रही। पूरे दिन अधिकतम तापमान काफी कम होने के कारण आपातकाल की स्थिति बनी रही। शीतलहर के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 446 जबकि जबकि नोएडा में सर्वाधिक 464 रिकॉर्ड किया गया।
ट्रेन और विमान सेवाओं पर असर
घने कोहरे की वजह से सुबह से ही वाहनों की रफ्तार काफी धीमी रही। इसका सर्वाधिक असर विमान और ट्रेन सेवाओं पर पड़ा। 530 फ्लाइटें देर रहीं, 20 विमानों के रूट परिवर्तित कर दिए गए जबकि चार फ्लाइटें 12.30 बजे से पहले ही रद्द कर दी गईं थीं। दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी साढ़े सात घंटे देरी से पहुंची तो विक्रमशिला एक्सप्रेस सहित 30 अन्य ट्रेनों के यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।
और जहरीली हुई हवा
पिछले 22 वर्षों के दौरान दिसंबर में पहली बार दिल्ली का तापमान 3 डिग्री सेल्सियस के इर्द गिर्द होने के साथ साथ शीतलहर का कहर बरकरार है। कंपकंपाती सर्दी के साथ इस बार दिल्ली की हवा ने भी रुख बदल लिया। पिछले तीन दिनों से वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी के बाद सोमवार को हवा और भी जहरीली हो गई। एनसीआर के अन्य शहरों में भी वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।
घरों में दुबके रहे लोग
अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम होने की वजह से अधिकतर लोग घरों में दुबके रहे। दफ्तर जाने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कोहरे के कारण यातायात व्यवस्था चरमराने की वजह से जिंदगी की रफ्तार भी धीमी हो गई है। सड़कों पर घूमने वालों की संख्या काफी कम हो गई है, जिन्हें बेहद जरूरी काम था, वे पूरे इंतजाम के साथ बाहर निकले।