नीतीश कुमार ने कहा, 'यदि किसी के पास किसी भी तरह की समस्या है तो व्यक्ति पार्टी या पार्टी की बैठकों में उसकी चर्चा कर सकता है, विमर्श कर सकता है लेकिन इस तरह के सार्वजनिक बयान आश्चर्यजनक हैं। वह जा सकते हैं और अपनी पसंद की किसी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। कुछ लोगों के बयान पर मत जाइये, हमारा रुख साफ है।'
पार्टी अपनी विचारधारा स्पष्ट करे: पवन वर्मा
नीतीश की फटकार पर पवन वर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मैं नीतीश कुमार के बयान का स्वागत करता हूं कि पार्टी में चर्चा के लिए जगह है। इसकी ही मैंने मांग की थी। मेरा इरादा कभी भी उन्हें चोट पहुंचाने का नहीं था। मैं चाहता हूं कि पार्टी अपनी विचारधारा को स्पष्ट करे। अपने पत्र के जवाब का इंतजार कर रहा हूं। इसके बाद आगे की कार्रवाई का फैसला लूंगा।'
पार्टी अध्यक्ष से दिल्ली में भाजपा के साथ गठबंधन पर पूछे थे सवाल
पत्र में वर्मा ने लिखा है कि एक से अधिक अवसरों पर आपने भाजपा-आरएसएस को लेकर अपनी गंभीर आशंकाएं व्यक्त की हैं। अगर ये आपके वास्तविक विचार हैं, तो मैं यह समझने में असफल हूं कि जेडीयू अब बिहार से परे भाजपा के साथ अपना गठबंधन कैसे बढ़ा रहा है, जब लंबे समय तक भाजपा की सहयोगी रही अकाली दल ने भी ऐसा करने से इनकार कर दिया है।
कौन हैं पवन वर्मा
पवन कुमार वर्मा का जन्म पांच नवंबर, 1953 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। वह भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रह चुके हैं। जनवरी 2013 में विदेश सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सांस्कृतिक सलाहकार रह चुके हैं। 2014 से 2016 के बीच वह राज्यसभा सांसद रहे हैं। वर्तमान में वह जेडीयू के महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। वह दिल्ली में रहते हैं और एशियन एज, टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए लेख लिखते हैं।
क्या कहीं और मिलेंगे वैचारिक रूप से कंगाल ऐसे दुर्लभ नेता: तेजस्वी यादव
वहीं जेडीयू के बीच जारी खींचतान पर विपक्ष के नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने हमला बोला है। उन्होंने कहा, 'आदरणीय नीतीश कुमार जी ऐसे नेता व ऐसी पार्टी के अध्यक्ष है जिनकी विचारधारा व वैचारिक दृष्टि की स्पष्टता उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ विद्वान नेताओं को मालूम नहीं है। आम जनता और कार्यकर्ताओं को तो छोड़ ही दिजीए। क्या वैचारिक रूप से कंगाल ऐसे दुर्लभ नेता और पार्टी कहीं और मिलेंगे?