कमाऊ पूत गांजा किंग को क्यों भेजना पडा पुलिस को जेल

कौशाम्बी फतेहपुर इलाहाबाद के विभिन्न कस्बो में बीते तीन दशक से गांजा के धन्धे में लिप्त भाऊ और पुलिस के दोस्ती की चर्चा लोगो की जुबान में।


कौशाम्बी। बीते तीन दशक से गांजा के धन्धे को बेखौफ तरीके से चलाने वाले बांदा चित्रकूट के रहने वाले भाऊ को आखिर कौन सी परिस्थिति ने पुलिस से दूर कर दिया और पुलिस ने भाऊ को पचास किलो गांजा के साथ गिरफ्तारी दिखाकर जेल भेज दिया। 


पुलिस की यह बरामदगी भी सवालो के घेरे में है और भाऊ को गिरफ्तार कर जेल भेजने के मामले में पुलिस का बदनुमा चेहरा उजागर हुआ है और यदि पश्चिम शरीरा थानेदार के इस गांजा बरामदगी की उच्च स्तरीय जॉच करायी गयी तो पुलिस का बदनुमा चेहरा उजागर होगा और यही बात सामने आयेगी कि घूसखोरी के रकम के विवाद के चलते गांजा किंग को जेल भेजा गया है। 


 बताते चले कि फतेहपुर जनपद के खागा में तीन दशक पूर्व एक भांग के ठेकेदार के साथ गांजा तस्करी का चस्का लग जाने के बाद भाऊ गांजा किंग बन चुका था फिर भाऊ के रिश्तेदारों ने सिराथू में भांग की दुकान लेनी शुरू कर दी और इस दुकान के संचालन में भी भाऊ का अहम योगदान रहा। तीन दशक से लगातार गांजा किंग की शिकायत होती रही लेकिन पुलिस ने गांजा किंग के धन्धे को नही बन्द कराया बेखौफ तरीके से गांजा के धन्धे से कमायी कर गांजा किंग पुलिस की भी तिजोरी भरता रहा लेकिन रविवार को पश्चिम शरीरा थानेदार और गांजा किंग के बीच किस बात का विवाद हुआ कि पुलिस को अपने तीन दशक पुराने कमाऊ पूत को जेल भेजना पडा यह बडा जॉच का विषय है और यदि इस मामले में जॉच हुयी तो पश्चिम शरीरा कोतवाल पर गाज गिरना तय है।


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