आपदा राहत योजना के तहत श्रमिको के खाते में सरकार भेजेगी रकम
कौशाम्बी। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेष, शासन द्वारा कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण ’’आपदा राहत योजना’’ उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत समस्त निर्माण श्रमिकों हेतु दिनांक-23.03.2020 से लागू किया कर दी गयी है।
योजना के अन्तर्गत जनपद में अद्यतन नवीनीकृत कुल 10859 निर्माण श्रमिकों को लाभ दिया जाना है। दिनांक-24.03.2020 को जिले के 1500 श्रमिकों के खातों में रू.1000/- प्रति श्रमिक की दर से प्रथम किस्त का भुगतान उप श्रमायुक्त, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज द्वारा कर दिया गया है। आज दिनांक-25.03.2020 को कुल 831 निर्माण श्रमिकों के खातों में धनराषि हस्तान्तरित किया गया है।
इसके अतिरिक्त जैसे-जैसे निर्माण निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों का विवरण पोर्टल पर अपडेट हो जायेगा। भुगतान की कार्यवाही की जायेगी।
उक्त योजना का लाभ सिर्फ अद्यतन नवीनीकृत निर्माण श्रमिकों को ही प्राप्त हो सकेगा।
पंजीकृत समस्त निर्माण श्रमिकों के डेटा/विवरण में बैंक विवरण (खाता संख्या एवं आई एफ0एस0सी0 कोड सहित) सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर संकलित करते हुए बोर्ड के पोर्टल पर शत-प्रतिशत अपडेट करने की कार्यवाही कार्यालय श्रम प्रवर्तन अधिकारी मंझनपुर, कौशाम्बी द्वारा करायी जा रही है।
इस हेतु पंजीकृत/अद्यतन नवीनीकृत निर्माण श्रमिकों से अपील की जाती है कि वे अपने बैंक खातों का विवरण (पंजीकृत/अद्यतन नवीनीकृत निर्माण श्रमिका का नाम, पंजीयन संख्या-, खाता नं0, आई0एफ0सी0कोड एवं बैंक शाखा का नाम) संकलित करते हुए कार्यालय श्रम प्रवर्तन अधिकारी, मंझनपुर, कौषाम्बी की ई0-मेल आई0डी0- संइवनतांनेंउइप/ तमकपिउंपसण्बवउ प्राप्त करा दें।
इसके साथ ही कार्यालय में तैनात कर्मचारियों के मोबाइल नं0-9839439192, 7379047368, 9198666838, 9169467623, एवं 8840326125 भी प्राप्त करा सकते हैं। प्राप्त बैंक के विवरण को श्रम विभाग में तैनात कर्मचारियों द्वारा पोर्टल पर अपलोड कर दिया जायेगा। जिससे कि कोविड-19 के दृष्टिगत पंजीकृत दिहाड़ी मजदूरों को उनके खाते में आपदा राहत धनराषि रू.1000/-प्रतिमाह स्थानान्तरित की जा सके।
शासन के निर्देशानुसार कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में बन्द शैक्षणिक संस्थानों, मांल, मल्टीप्लैक्स जिम, तरणताल, रेस्टोरेण्ट आदि के कारण प्रभावित श्रमिकों/कार्मिकों के हित के दृष्टिगत बन्द इकाइयां के स्वामियों/नियोजकों को निर्देषित किया जाता है कि प्रभावित श्रमिकों/कार्मिकों को इकाईयों की बन्दी अवधि में सभुगतान अवकाश प्रदान किया जाये।