दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा मरकज बिल्डिंग में मौजूद 24 लोग पॉजिटिव निकले, 700 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया

तब्लीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च के दौरान विदेशों और देश के कई हिस्सों से 5 हजार से ज्यादा लोग आए
24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी यहां 2 हजार लोग रुके हुए थे, 200 के संक्रमित होने की आशंका


नई दिल्ली ।     दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज यानी इस्लामिक धार्मिक आयोजन केंद्र में कोरोनावायरस संक्रमण का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। मरकज बिल्डिंग में मौजूद 24 लोग पॉजिटिव निकले हैं। यह जानकारी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि सोमवार से अब तक 300 लोगों को अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। वहीं, 700 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है। उन्होंने कहा कि जब देश में लॉकडाउन था, उस वक्त इस तरह की गतिविधि करना अपराध है। सतेंद्र जैन ने बताया कि हम यह नहीं बता सकते हैं कि मरकज बिल्डिंग में कितने लोग मौजूद थे, लेकिन यह तादाद 1500 से 1700 हो सकती है। 1033 लोगों को बाहर निकाला गया है। यह गतिविधि करने वाली कमेटी ने अपराध किया है। राजधानी में आपदा अधिनियम और संक्रामक रोग अधिनियम लागू है। इसके तहत 5 से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते। इसके बाद भी इन्होंने यह किया। मैंने दिल्ली के एलजी को इनके खिलाफ कार्रवाई करने को लिखित में दिया है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार एफआईआर दर्ज करने जा रही है। उधर, इस मामले में दिल्ली सरकार की उच्च स्तरीय बैठक चल रही है। निजामुद्दीन का यह मरकज इस्लामी शिक्षा का दुनिया में सबसे बड़ा केंद्र है। यहां कई देशों के लोग आते रहते हैं। मरकज से कुछ ही दूर सूफी संत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह है। लेकिन, इन दिनों यह बंद है। यहां तब्लीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च तक 5 हजार से ज्यादा लोग आए थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड के लोग भी शामिल थे। 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी यहां 2 हजार लोग ठहरे हुए थे। इनमें से 300 से ज्यादा लोगों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका है। इन्हें सर्दी, खांसी और जुकाम की शिकायत है। दिल्ली की निजामुद्दीन कॉलोनी स्थित तब्लीगी जमात में 14-15 मार्च के बाद से लगातार विदेशियों का आना-जाना लगा था। 100 विदेशियों के अलावा यहां 1500 से ज्यादा लोग मौजूद थे। जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी मरकज प्रमुख ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। इसी बीच, यहां रुके तमिलनाडु के 64 साल के बुजुर्ग को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाना पड़ा था, जहां रविवार को उनकी मौत हो गई। अभी उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। मौत की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए मरकज में जांच की। यहां एक-एक कमरे में 8-10 लोग ठहरे थे। इनमें से कई को हल्की खांसी और जुकाम की शिकायत भी थी। इतनी तादाद में संदिग्ध मिलने पर प्रशासन ने डीटीसी की बसें लगाकर लोगों को तीन अस्पतालों में पहुंचाया। इसके बाद सोमवार देर शाम तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि आयोजन में गए उनके राज्य के 6 लोगों की मौत हो गई है। कश्मीर के 
सोपोर से यहां पहुंचे एक अन्य 65 साल बुजुर्ग ने भी पिछले हफ्ते श्रीनगर में कार्डियक अरेस्ट के बाद दम तोड़ दिया था। देश के अलग-अलग राज्यों ने तब्लीगी जमात में गए लोगों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है। विदेश से आए लोग यहां काफी समय से रह रहे थे। सोशल डिस्टेंसिंग की तमाम अपीलों के बावजूद यहां हजारों लोग मौजूद थे। पिछले दिनों यहां से करीब 800 लोग बाहर जा चुके हैं। पुलिस इन्हें ढूंढ़ रही है। आशंका जताई जा रही है कि ये लोग अन्य राज्यों में भी पहुंच चुके हैं। यूपी सरकार ने 18 जिलों की पुलिस को इन्हें ढूंढ़ने के आदेश दिए हैं।


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