भारत जैसे देशों पर निर्भर है कोरोना का भविष्य : डब्ल्यूएचओ
यूरोपीय देशों में मृतकों की संख्या 10 हजार के पार, फ्रांस में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 860 हुई
नई दिल्ली । कोरोना वायरस की चपेट में दुनियाभर के साढ़े तीन लाख से ज्यादा नागरिक आ चुके हैं। इनमें से 16491 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 1 लाख 337 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 11204 की हालत बेहद गंभीर है। भारत सहित विश्व के कई देशों ने बड़े हिस्सों में लॉकडाउन कर दिया है, इस वजह से करीब 100 करोड़ लोग अपने घरों में कैद हैं। अकेले यूरोप में कोरोना मरीजों की संख्या डेढ़ लाख के पार हो गई है। वहीं, म्यांमार में भी कोरोना के पहले मामले की पुष्टि हो गई है। कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में लगातार बढ़ता ही जा रहा है। दुनियाभर के कई देशों में एहतियातन लॉकडाउन लगा दिया गया है। करीब 100 करोड़ लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या साढ़े तीन लाख से अधिक हो गई है। एएफपी के आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष के अंत में महामारी के फैलने के बाद से सोमवार तक इतने मामले सामने आए हैं। पूरी दुनिया में कम से कम तीन लाख 50 हजार 142 लोग संक्रमित हैं और 15,873 मौतें हुई हैं। इनमें से अधिकतर मामले चीन (81,093) और इटली (63,927) में सामने आए। डब्ल्यूएचओ को निदेशक डॉ. माइकल जे रायन ने कहा है कि कोरोना वायरस का भविष्य में कैसा असर रहेगा यह बड़ी जनसंख्या वाले देशों की कार्रवाई पर तय होगा। उन्होंने कहा, 'चीन की तरह भारत बहुत बड़ी जनसंख्या वाला देश है और इसके दूरगामी परिणाम इस बात पर निर्भर करेंगे कि बड़ी जनसंख्या वाले देश इसे लेकर क्या कदम उठाते हैं। यह बहुत जरूरी है कि भारत जन स्वास्थ्य के स्तर पर आक्रामक फैसले लेना जारी रखे। उन्होंने कहा, भारत ने स्मॉल पॉक्स और पोलियो के उन्मूलन में दुनिया का नेतृत्व किया। भारत में जबरदस्त क्षमता है, सभी देशों में जबरदस्त क्षमता है जब समुदायों और नागरिक समाजों को जुटाया जाता है। दुनियाभर में खौफ बरपा रहे कोरोना वायरस ने म्यांमार में भी दस्तक दे दी है। यहां इसके संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि हो गई है। समातार एजेंसी एएफपी के मुताबिक यूरोप में कोरोना वायरस की वजह से होने वाली मौतों की संख्या 10 हजार से ऊपर चली गई है। नेपाल सरकार ने सोमवार से एक हफ्ते के लिए भारत व चीन सीमाएं सील कर दी हैं। इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई जारी रखी जाएगी। वित्त मंत्री युबा राज खातीवाड़ा ने बताया कि संक्रमण के नेपाल में फैलने का भारी अंदेशा है, इसलिए यह कदम उठाया गया। नेपाल की भारत के साथ 1800 किमी लंबी सीमा है, जिस पर वाहनों के 37 प्रवेश बिंदु हैं। चीन सीमा पर उसके चार ऐसे बिंदु हैं जहां से वाहन आते-जाते हैं।