बरेली की घटना को बताया निंदनीय, कार्रवाई के आदेश।
गौतमबुध नगर और मेरठ में अधिक केस।
हर जिले में विशेष अधिकारियों की तैनाती।
सीएम रिलीफ फंड में दान देने की अपील।
कोरोना वायरस के संबंध में अपर मुख्य सचिव, गृह एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने लोकभवन में की प्रेस कॉन्फ्रेंस।
31 मार्च, लखनऊ। कोरोना वायरस के संबंध में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को यहां लोकभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि लॉकडाउन में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली व बरेली की घटनाओं को गंभीरता से लिया है, साथ ही इसके संबंध में त्वरित कार्रवाई करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली की घटना को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया है कि आयोजन से यूपी लौटे सभी लोगों की तुरंत पहचान कर उनकी जांच की जाए। साथ ही यह भी निर्देश जारी किया है कि जिन लोगों ने अपनी पहचान जाहिर नहीं की उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। हालांकि आयोजन से लौटे 95 प्रतिशत लोगों की पहचान कर ली गई है केवल 10 से 12 लोगों की पहचान करनी शेष है। जिसके लिए सभी जिलाधिकारियों व सीएमओ को निर्देश जारी कर दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली की घटना की समीक्षा के लिए आगरा, सहारनपुर, लखनऊ के अधिकारियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर स्थिति के विषय में जानकारी लेंगे। उन्होंने बताया कि बरेली जिले में प्रशासनिक अफसरों के एक अमानवीय रवैये का वीडियो सामने आया है। बरेली में दूसरे जिलों से आए कुछ वर्कर्स पर ऐंटी लार्वा केमिकल छिड़कने की बात सामने आई है। मुख्यमंत्री ने इस कार्य की घोर निंदा करते हुए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार हर प्रदेशवासी का सम्मान करती है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 102 व 108 डॉयल के कर्मचारियों के वेतन और मानदेय देने करने का निर्देश जारी कर दिया है। जिससे किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने बताया कि गुजरात, केरल, हरियाणा, तमिलनाडू और कर्नाटक के अधिकारियों से यूपी के नोडल अधिकारियों ने बात कर वहां रह रहे यूपी के लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की बात कही है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि लॉकडाउन के कारण कुछ जिलों में मुनाफाखोरी की सूचनाएं मिल रही हैं। जिसके कारण आमजन को परेशानी हो रही है। मुख्यमंत्री द्वारा सभी जिलाधिकारियों को मुनाफाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है। उन्होंने बताया कि वाराणसी के डीएम व एसएसपी ने अपनी पहचान जाहिर किए बिना आम नागरिक की तरह स्थिति का जायजा लिया। जिसके संबंध में एक दर्जन मुनाफाखोरों का पता लगाकर उन्हें जेल भेज दिया गया। मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर अधिकारियों को नजर रखने का निर्देश दिया है। साथ ही यह आदेश दिया है कि प्रदेश के सभी जिलों में सार्वजनिक जगहों जैसे मॉल, दूकान, किराना व जनरल स्टोर, मंडी में फल, सब्जी, दूध व राशन आदि सामानों का रेट लिस्ट लगाया जाए।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने डिस्ट्रिक रिलीफ फंड या मुख्यमंत्री राहत कोष में आर्थिक सहायता करने की अपील की है। राहत कोष में आर्थिक मदद करने वाले लोगों का सीएम कार्यालय सम्मान करेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों को कोष का आम लोगों में व्यापक प्रचार-प्रसार करने का आग्रह किया है। कोष का सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में खाता संख्या 1378820696 है। खाते का नाम CHEIF MINISTERS DISTRESS RELIEF FUND है। इसका आईएफएससी कोड CBINO281571 और ब्रांच कोड 281571 है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कम्युनिटी किचन के प्रति गंभीरता से कार्य करने का निर्देश दिया है। उनका निर्देश है कि हर जिले में हर संभव कम्युनिटी किचन की शुरूआत की जाए। मुख्यमंत्री ने कोरोना पीड़ित व संदिग्धों के छिपे की सूचना कंट्रोल रूम, पुलिस कंट्रोल रूम, डॉयल 102 व 108 पर देने की अपील की है।
प्रदेश में 101 मामले आए पॉजिटिव, 14 पूरी तरह से हो चुके हैं ठीक: प्रमुख सचिव स्वास्थ्य
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में 8 लैब संचालित हैं। हमारा प्रयास है कि लैब की संख्या बढ़ाई जा सके, जिससे सैंपल परिक्षण कार्य और तैज हो सके। इसके प्रयागराज, झांसी और लखनऊ में राम मनोहर लोहिया अस्पताल में लैब की तैयारी अंतिम चरण में हैं। उन्होंने बताया कि 15 जनपदों में 101 प्रकरण सामाने आए हैं। जिसमें अभी तक सबसे ज्यादा पॉजिटिव मामले गौतमबुद्ध नगर और मेरठ से मामले सामने आए हैं। दो जगहों पर 50 से अधिक केस हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक 14 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि 17 मार्च के बाद देश भर में 100 केस सामने आए थे जबकि अगले 12 दिनों में ही 1000 केस सामने आ गए हैं। हमारे प्रदेश में ऐसी स्थिति ना हो इसके लिए विशेष सर्तकता की जरूरत है। साथ ही हैंड वाशिंग व सोशल डिस्टेंस्टिंग प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 से भी स्वास्थ्य विभाग को पूरी मदद मिल रही है। स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर भी लगातार कॉल प्राप्त की जा रही है। ऐसे में अगर कोई संदिग्ध लगता है, उनका नाम, पता सर्विलांस टीम को मुहैया कराकर उनसे संवाद स्थापित कर उनकी मदद की जा रही है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हर जिले में सीएमओ व ज्वाइंट डायरेक्टर बतौर नोडल अधिकारी के रूप में तैनात करने का निर्देश दिया है। इन अधिकारियों को मास्क, दवाएं व अन्य जरूरी सामानों की सप्लाई चेन का सुपर विजन करने की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद व नोएडा व मेरठ में इन अधिकारियों की तैनाती भी कर दी गई है। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा के सीईओ नरेंद्र भूषण को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा मुख्यमंत्री ने डीएम व सीएमओ को कोरोना पीड़ित व संदिग्धों के सर्विलांस की जिम्मेदारी दी है। साथ ही यह भी स्पष्ट निर्देश दिया है कि जनसामान्य को सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति जागरूक करने का काम गंभीरता से किया जाए।