गोंडा की चार मस्ज़िदों में मिले गैर जनपदों के 50 लाोग

गोण्डा, 1 अप्रैल। यूपी के गोंडा जिले की चार मस्ज़िदों में बुधवार को दूसरे जनपदों के 50 लाोग मिले, जिन्हें पृथक रखने का निर्देश दिया गया है ।


जिलाधिकारी नितिन बंसल ने बताया कि बुधवार को जांच के दौरान जिले की चार मस्जिदों में 50 ऐसे लोग मिले जो अन्य जनपदों के निवासी हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजकर उनकी जांच कराई गई है तथा सभी को उन्हीं मस्जिदों में पृथक रखा गया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे भी बाहरी लोग हैं, जो किसी के घरों में रह रहे हैं। उन्हें भी उनके घरों में ही पृथक किया गया है और गृह स्वामी को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे लोगों को समाज में नहीं आने दें।


जिलाधिकारी ने बताया कि 12-13 मार्च को दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात में शामिल होने के लिए गए दो युवकों का सत्यापन पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजकर कराया गया है। परिजनों से उनका मोबाइल नम्बर लेकर सम्पर्क किया गया है। उन्होंने बताया कि वे जमात खत्म होने के बाद भी अब तक घरों को नहीं लौटे हैं। उन्हें दिल्ली में ही पृथक रखा गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि 12 मार्च के बाद विदेश यात्रा से लौटे 300 से अधिक लोगों को उनके घरों में पृथक रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम नियमित रूप से उनके सम्पर्क में है। उन्हें फिलहाल किसी प्रकार की समस्या नहीं है। इनमें से कुछ व्यक्तियों के पृथक रहने की अवधि समाप्त हो चुकी है। सभी को सख्ती से निर्देश दिया गया है कि वे अपने घरों में रहें तथा जरूरी सामग्री उन्हें फोन पर उपलब्ध कराई जा रही है। बंसल ने बताया कि दूसरे प्रांतों से भारी संख्या में आने वाले श्रमिक वर्ग के लोगों को पृथक रखने के लिए 30 स्कूल व कालेजों को आश्रय स्थल के रूप में विकसित किया गया है। जिन लोगों में सर्दी, जुखाम, खांसी इत्यादि के लक्षण नहीं पाए गए हैं, उन्हें उनके घरों में ही रहने की अनुमति दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें उनसे लगातार सम्पर्क कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी को कोई समस्या होती है, तो उसे तत्काल जिला चिकित्सालय में बनाए गए पृथक वार्ड में आवश्यकतानुसार भर्ती करके उनके नमूने जांच के लिए लखनऊ भेजे जाएंगे।


इस बीच लॉकडाउन के दौरान आपूर्ति बाधित होने का हवाला देते हुए आवश्यक वस्तुओं को प्रशासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर बेचे जाने के मामले में बुधवार को दो व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।


बंसल ने बताया कि इनके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर दुकानें सील की जा रही हैं। लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन की तरफ से सभी व्यापारियों से संकट की इस घड़ी में प्रशासन को सहयोग करने व निर्धारित मूल्य से अधिक पर सामान की बिक्री नहीं करने का अनुरोध किया गया था। इसके बावजूद बाजार में जमाखोरी व कीमतें अधिक लेने की शिकायतें मिल रही थीं। उन्होंने बताया कि इस क्रम में नगर मजिस्ट्रेट को दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया गया था। डीएम ने बताया कि नगर मजिस्ट्रेट ने उप जिलाधिकारी सदर वीर बहादुर यादव, पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर लक्ष्मीकांत गौतम व सूचना विभाग के कर्मचारी अरुण सिंह के सहयोग से बुधवार को दो दुकानों पर भेष बदलकर खरीददारी की। हुलिया छिपाकर खरीददारी करने में दो दुकानदार निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर सामान बेचते पाए गए। इसके बाद दोनों दुकानदारों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।