लखनऊ। एक तरफ जहाँ पूरा देश कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन में अपने घरों में कैद है । वहीं कुछ जगह ऐसी है जहाँ के निवासी एवं दुकानदार मानने को तैयार नही हैं। जैसे ठाकुरगंज के अम्बरगंज इलाके में सारी दुकाने दिनभर खुली रहती है, लोग गलियों में जमावड़ा लगाए रहते हैं, ठाकुरगंज में झब्बन की बगिया में साक्षी पतंग वाले के वहां दिनभर जगह जगह से लोग आते है जो कि पतंग,मांझा,तार बेचता है, बालागंज से कैम्पवैल रोड एवं मरीमाता मंदिर से विकास स्कूल वाली रोड पे तो लगता ही नही है कि देश मे लॉक डाउन चल रहा है पूरे परिक्षेत्र में बेकरी,लाइट के समान की दुकान,कपड़े की दुकान, कॉस्मैटिक की दुकान, पान की दुकान, गैस चूल्हा की दुकान, स्टेशनरी की दुकान एवं कई और दुकानें दिनभर खुली रहती है, जल निगम रोड पे भारत डेरी के पास दुकान पे एवं कई ठेले खड़े रहते है एवं भीड़ वाला माहौल बना रहता है। बालागंज,कैम्पवैल रोड, मरीमाता मंदिर रोड,जल निगम रोड सभी पे निकलने वालों की कमी नही।जिससे संक्रमण फैलने की प्रबल संभावना है। इन सभी क्षेत्रों में सब्जी वाले, समोसा वाले, फल वाले आदि दिनभर आते रहते है एवं यह अकेले नही बल्कि इसके साथ एक व्यक्ति और रहता है यह वो फेरी वाले है जिनको क्षेत्र के किसी व्यक्ति ने पहले नही देखा। समाज सेवक पवन कुमार सोनी ने प्रदेश सरकार एवं स्थानीय प्रशासन से निवेदन करते हुए कहना चाहता हूं कि जो भी व्यक्ति खाने पीने की सामग्री को बेचने वाली चलती फिरती दुकानों, हाँथ ढेलों,फेरी वालों जैसी अस्थाई दुकानों पर स्थानीय थाने से विक्रेता की सारी जानकारी का सत्यापित प्रपत्र बना हुआ होना चाहिए एवं उनके आने जाने का समय निर्धारित होना चाहिए जिससे खरीददार को जानकारी हो सके कि जिस व्यक्ति से जो भी समान वह खरीद रहा है वह सही है। चूंकि ऐसे विक्रेता अस्थाई होते हैं। वर्तमान समय मे गलियों की सारी दुकाने बन्द करवा कर एवं गलियों में घूम रहे विक्रेताओं की जानकारी करना अत्यंत आवश्यक है। जिससे समाज में बढ़ रहे संक्रमण पर रोक लगाई जा सके।
पुराने लखनऊ में लॉकडाउन का पूर्ण उलंघन करने में आमादा है कुछ क्षेत्र एवं दुकानदार