कोरोना: भारत में कोरोना वायरस मामलों की संख्या 2 लाख के पार हुई, ICMR ने कहा- हम खतरे से दूर हैं


भारत में कोरोना वायरस मामलों की संख्या दो लाख से ऊपर पहुंच गई है। लगभग 15 दिनों में मामले दोगुना बढ़े हैं। ऐसा तब हुआ है जब परिवहन सेवाएं और आर्थिक गतिविधियों को दोबारा चालू कर दिया गया है जिससे मामलों के बढ़ने का खतरा और बढ़ गया है। वैश्विक तौर पर कोविड-19 के 6.4 मिलियन मामले सामने आए हैं जबकि 380,000 लोगों की मौत हो चुकी है।



भारत की बात करें तो यहां बुधवार तक 5,813 लोगों की मौत हो गई। देश में मृत्यु दर 2.8 प्रतिशत है जबकि विश्व में यह दर 5.9 प्रतिशत है। भारत में लगभग एक चौथाई मामले पिछले हफ्ते सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को कहा, ‘हमारी कोविड-19 की वजह से होने वाली मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम 2.82 प्रतिशत है। दुनिया में यह दर 6.13 प्रतिशत है। हम मामलों की समय पर पहचान और उचित नैदानिक प्रबंधन के कारण इसे प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं।’
राज्यों के आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि देश में अब तक 100,289 मरीज इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं। जिसके साथ ही ठीक होने की दर 48.4 प्रतिशत हो गई है। यह दुनिया भर में संक्रमण के सबसे आशाजनक आंकड़ों में से एक है। मृत्यु दर में कमी और ठीक होने की दर में इजाफा से संकेत मिलता है कि दुनिया की तुलना में भारत में इसका प्रभाव उतना गंभीर नहीं है।


विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस का पीक ( उच्चतम स्तर) अभी आना बाकी है। प्रीप्रिंट सर्वर मेडरिक्स पर एक विश्लेषण से पता चला है कि समय के साथ विभिन्न बिंदुओं पर देश के विशाल भूगोल में स्वतंत्र क्षेत्रीय संकट पैदा हो सकते हैं। 'भारत में फैले कोविड-19 पर लॉकडाउन प्रभाव' शीर्षक वाले शोध पत्र में कहा गया है कि जुलाई के अंत तक वायरस के पीक की शुरुआत हो सकती है और यह सितंबर तक रह सकता है। अन्य शोध में कहा गया है कि वायरस की दूसरी लहर इस साल सर्दियों में आ सकती है।


भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का कहना है कि भारत अभी पीक से काफी दूर है। आईसीएमआर की वैज्ञानिक निवेदिता गुप्ता ने कहा, ‘कोविड-19 को रोकने के लिए हमारे निवारक उपाय बहुत प्रभावी रहे हैं।’