बाजार में अब तक आ चुकी हैं कोरोना की ये 4 दवाएं, इस दवा की बढ़ी सबसे ज्यादा डिमांड


कोरोना महामारी के बीच अलग-अलग कंपिनयों ने तीन दवा व एक इंजेक्शन लांच की हैं। इनमें तीन दवाएं हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए हैं। इंजेक्शन गंभीर मरीजों को दिया जा रहा है। चिकित्सक इन दवाओं को इलाज में कुछ कारगर बता रहे हैं।


उनका कहना है कि डॉक्टर की सलाह से ही दवाओं का सेवन ही फायदेमंद साबित हो सकता है। बिना सलाह के इस्तेमाल दवा नुकसान पहुंचा जा सकती है। इन दवाओं की तगड़ी मांग है। इसी का नतीजा है कि फेविलो को छोड़कर तीन अन्य दवाएं बाजार से गायब हैं।
कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में दवा और वैक्सीन पर शोध चल रहे हैं। इस बीच कई दवा कंपिनयों ने अलग-अलग नामों से दवाएं भी लांच की हैं। इन दवाओं में फेबिफ्लू, फेविलो, आईवर मेक्टिन सहित रेमडेसिवीर इंजेक्शन शामिल हैं। इनमें फेबिफ्लू दवा की एक गोली की कीमत करीब 65 रुपये है, जो मौजूदा समय में भालोटिया मार्केट से गायब है। कुछ दिन पहले लांच हुई फेविलो दवा बाजार में उपलब्ध है। इसके एक गोली की कीमत 36 रुपये है।
यह दवा अलक्षणिक मरीजों को दी जा रही है। आईवर मेक्टिन दवा भी बाजार से गायब है। यह दवा बेहद सस्ती और हल्के लक्षण वाले मरीजों को दी जाती है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ गगन गुप्ता ने बताया कि यह दवाएं अलक्षणिक मरीजों के लिए कुछ हद तक कारगार साबित हुई हैं।


बीआरडी मेडिकल कॉलेज में केवल आईवर मेक्टिन दवा का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। अन्य दो दवाओं का इस्तेमाल अब तक नहीं किया गया है। रेमडिसिवीर इंजेक्शन गंभीर मरीजों का दिया जा रहा है। इसके परिणाम कुछ सकारात्मक हैं।
 
बीआरडी को मिली करीब 300 रेमडेसिवीर इंजेक्शन
कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। बीआरडी में खत्म हुआ रेमडेसिवीर इंजेक्शन आ गया है। करीब 300 इंजेक्शन शासन की ओर से बीआरडी को मिल गए हैं। बताया जाता है कि इनसे 50 गंभीर मरीजों का इलाज हो सकेगा। यह इंजेक्शन मौजूदा समय में भालोटिया मार्केट में भी उपलब्ध नहीं है।


बाजार में एक इंजेक्शन की कीमत 3600 से 4000 के बीच है लेकिन दवा विक्रेता समिति इसे 3600 में उपलब्ध करा रहा है। पूरे डोज की कीमत करीब 35 से 40 हजार के बीच पड़ रही है। हालांकि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में यह इंजेक्शन निशुल्क लग रहा है। इसके अलावा बाजार से गायब हुई आईवर मेक्टिन भी काफी संख्या में मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है। प्राचार्य डॉ गणेश कुमार ने बताया कि दोनों दवाएं बीआरडी में उपलब्ध हैं।


कोरोनिल की बढ़ी डिमांड, बाजार से हुई गायब
पतंजलि की कोरोनिल की डिमांड अचानक बाजार में बढ़ गई है। बाजार में इम्युनिटी बूस्टर के नाम से यह बिक रही है लेकिन मौजूदा समय में यह दवा बाजार से गायब हो गई है। टाउन हॉल में थोक पतंजलि स्टोर के संचालक संजीव भालोटिया ने बताया कि अब तक स्टोर से 1400 पीस बिकी है। सात अगस्त से इस दवा पर पतंजलि ने रोक लगा दी है। तब से यह दवा नहीं आई है। एक शीशी में 80 गोली रहती है। इसकी कीमत 400 रुपये है। इसे इम्युनिटी बूस्टर बताकर बेचा जा रहा था।
 


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