जमीन बटवारे को लेकर 24 घंटे पड़ा रहा पिता का शव


भदैंया (सुल्तानपुर) में कोतवाली देहात थाने के जादीपुर ग्राम पंचायत के इस्लामगंज में मां-बाप को लेकर एक बार फिर बच्चों की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा देखने को मिली। पिता की मौत के बाद चार पुत्रों में संपत्ति की वसीयत को लेकर विवाद हो गया। विवाद ने इस कदर तूल पकड़ लिया कि पहले पंचायत हुई। फिर बाकायदा लंभुआ तहसील में शनिवार को स्टांप पर बराबर संपत्ति के बंटवारा किए जाने की लिखा-पढ़ी की गई। तब तक पिता का शव दरवाजे पर पड़ा रहा। इस विवाद के मूल में पिता के नाम मात्र एक बीघा जमीन व एक कच्चे मकान की वसीयत बनी, जिसे उसने मरने से पहले अपने चार में से दो पुत्रों के नाम कर दिया था।  


कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के जादीपुर पंचायत के इस्लामगंज गांव निवासी राम अवध का 25 सितंबर की दोपहर बीमारी से मौत हो गई थी। राम अवध के पास एक बीघा जमीन व कच्चा मकान था। परिवारीजनों के मुताबिक मृतक राम अवध ने पखवारे भर पहले इसी संपत्ति की वसीयत अपने मझले पुत्र रामजग उर्फ जगई की पत्नी तथा छोटे पुत्र राम जियावन को कर दी थी। इससे अन्य दोनों पुत्रों के परिवारीजनों में नाराजगी थी। मौत के बाद शव को दफनाने के लिऐ गड्ढा खुदाई का काम चल ही रहा था कि चारों पुत्रों में पिता की ओर से की गई वसीयत को लेकर विवाद हो गया।
बात बढ़ गई और पिता का अंतिम संस्कार का काम रुक गया। देखते ही देखते इसे लेकर पंचायत शुरू हो गई। देर शाम तक चली पंचायत से मामले का निस्तारण नहीं हो सका। शनिवार की सुबह चारो पुत्र लंभुआ तहसील पहुंचे। शपथ पत्र नोटरी बनवाकर वसीयत को दबाव में कराने की बात कहकर चारों भाइयों को बराबर हिस्सेदारी की लिखा-पढी की गई। इन सब के बीच पिता का शव घर के दरवाजे पर ही पड़ा रहा। तहसील मे लिखा-पढ़ी के 24 घंटे बाद शनिवार की शाम को मृतक के शव का अंतिम संस्कार किया गया।