राम नगरी को वैश्विक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू


राम नगरी को वैश्विक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने एक निजी कंपनी को सर्वे कर प्लान बनाने की जिम्मेदारी दे दी है। निजी कंपनी अयोध्या को वैश्विक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने का मास्टर प्लान तैयार करेगी। जिला प्रशासन इसे नगर निगम, अयोध्या विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद से सहमति के बाद शासन को भेजेगा। शासन से अनुमति के बाद अयोध्या के बन रहे मास्टर प्लान 2031 में इसे शामिल किया जाएगा।


राम नगरी का मास्टर प्लान 2031 का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है। टाउन प्लानर विभाग की ओर से 1600 शीटों का नक्शा एनआरसी हैदराबाद को भेज दिया गया है। अब एनआरसी हैदराबाद इसके भू-उपयोग का नक्शा एक शीट में भेजेगा। इसके बाद महायोजना पर कार्य शुरू होगा। माना ये जा रहा है कि हैदराबाद से नक्शे की शीट मिलने में एक माह का समय लग सकता है।
इस बीच रामनगरी को वैश्विक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरयू के दोनों तरफ गोंडा-बस्ती के बड़े भू-भाग को मिलाकर प्रस्तावित अयोध्या विकास प्राधिकरण के विस्तारीकरण का नया मास्टर प्लान बनाने की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी गई है। कहा गया है कि यह कंपनी राम मंदिर निर्माण के बाद बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटकों के आने के मुताबिक सर्वे करके वैश्विक सुविधाओं से युक्त रामनगरी का खाका तैयार करे, जिसमें आधुनिक शहर की तरह सड़कें-पुल, कॉरिडोर, पार्क, अस्पताल, शिक्षक संस्थाओं और रोजगार के अवसर समेत पंच सितारा होटल से लेकर आधुनिक बाजार, माल समेत त्रेतायुगीन दृश्यों-भावनाओं से युक्त विशाल नगर का स्वरूप हो।
पूरी योजना को अमली जामा पहनाने के लिए शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने विकास कार्यों के खास विभागों के साथ एक बैठक की है। इसमें एक निजी कंपनी को सर्वे के प्लान बनाने की जिम्मेदारी दी गयी है। प्लान बन जाने के बाद शासन को भेजा जाएगा।


देश की जीडीपी में भी होगा अयोध्या का अहम योगदान
एक अनुमान के मुताबिक अगले तीन वर्षों में प्रतिदिन 50 हजार के आसपास पर्यटक अयोध्या आएंगे। जबकि राम मंदिर और विश्व की सबसे बड़ी श्रीराम की मूर्ति बनने के बाद पर्यटकों की संख्या कई गुनी बढ़ेगी। यहां से होने वाली आय का प्रदेश और देश की जीडीपी में अहम योगदान होगा। ऐसे में पर्यटकों को रिझाने के लिए विभिन्न प्रकार के उपक्रमों के साथ विश्व स्तरीय सुविधाएं भी देनी होंगी। इसलिए शासन व प्रशासन दोनों तैयारियां कर रहा है। अयोध्या को विश्व स्तरीय पर्यटक सुविधाएं देने के लिए पर्यटक की दृष्टि से एक विशेष प्लान बनाया जा रहा है। इसमें अयोध्या की पुरानी बस्ती व इमारतों का रेनोवेशन, सड़कों का विकसित स्वरूप, अध्यात्म की दृष्टि से जुड़े सभी स्थानों का विकास, साधु-संतों के लिए विशेष प्रकार की धर्मशालाएं व सभी पौराणिक स्थलों तक पहुंचने के लिए बेहतरीन ट्रैवलिंग  शामिल है। इसके अलावा घाटों व नदी का सुंदरीकरण, शहर में परिवहन की विशेष व्यवस्था, लिंक मार्गों का विकास एवं सुंदरीकरण, अयोध्या के सभी द्वारों पर विशेष गेट, आधुनिक सुविधाओं वाले छोटे छोटे होटल आदि पर्यटन के प्लान में शामिल हैं।


विश्व की हर आधुनिक सुविधा से युक्त पर्यटन का नया प्लान बनने के बाद मास्टर प्लान 2031 में शामिल किया जाएगा। मास्टर प्लान का कार्य भी अंतिम चरण में चल रहा है।
- नीलेश कटिहार, सहायक आयुक्त नियोजक टाउन प्लानर अयोध्या
पाइलिंग टेस्टिंग के तीन-तीन भूमिगत स्तंभों के तैयार होंगे चार सेट


मंदिर निर्माण में लगी मशीनें - फोटो : अमर उजाला
राममंदिर के लिए नींव खोदने से पहले शुरू हुई टेस्ट पाईलिंग के तहत तीन-तीन भूमिगत स्तंभों के चार सेट तैयार किए जाने हैं। जिसमें से अब तक दो तैयार हो चुके हैं और तीसरे सेट का भी एक पिलर बनकर तैयार हो चुका है। जब चारों सेट तैयार हो जाएंगे तो सभी का एक साथ आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञ परीक्षण करेंगे उसकी रिपोर्ट के आधार पर राममंदिर की नींव के लिए स्थाई पाइलिंग का कार्य किया जाएगा।


श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि पहला और दूसरा सेट मूल मंदिर के परिधि से बाहर बनाया जा चुका है। जबकि तीसरा सेट मध्य भाग में तैयार किया जा रहा है। राम मंदिर सौ मीटर गहरी और और एक मीटर व्यास की 1200 पाइलिंग पर टिका होगा। उन्होंने बताया कि 12 टेस्ट पाइलिंग का निर्माण कराया जा रहा है। जो चार सेट में तैयार किए जा रहे हैं। अब तक सात टेस्ट पाइलिंग का निर्माण पूरा कर लिया गया है। इसी सप्ताह के अंत तक बाकी पांच का निर्माण हो जाना है। सैकड़ों फीट गहरी खुदाई के साथ टेस्ट पाइलिंग में विशेष तकनीक से आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञों द्वारा बताए गये सीमेंट-गिट्टी का मिश्रण डाला गया है।


मंदिर की मजबूती पर है सर्वाधिक फोकस
टेस्ट पाइलिंग पर लगभग उतना ही भार दिया जाएगा, जितना भार राम मंदिर में प्रयुक्त होने वाली शिलाओं का होगा। शिलाओं के भार से टेस्ट पाइलिंग में होने वाला परिवर्तन निर्माण की आधुनिकतम तकनीक से रिकॉर्ड किया जाएगा। इसी के आधार पर चेन्नई स्थित एलएंडटी के मुख्यालय पर तकनीकी विशेषज्ञ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। डॉ. अनिल मिश्र बताते हैं कि हमारा सर्वाधिक फोकस मंदिर की मजबूती पर है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि मंदिर एक हजार से अधिक वर्ष तक अक्षुण्ण रहे।


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