हमीरपुर जिले के राठ कस्बे से महोबा आ रही रोडवेज बस में एक प्रसूता ने शिशु को जन्म दिया। परिजनों ने बस के अंदर चादर लगाकर प्रसव कराया। बाद में बस स्टैंड पहुंचने पर महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने महिला अस्पताल में भर्ती कराया।
जहां दोनों स्वस्थ हैं। राठ में दालमील के समीप सड़क किनारे झुग्गी झोपड़ी बनाकर अनुसूचित जनजाति का परिवार निवास करता है। उजाला देवी (30) पत्नी श्यामू को सोमवार की सुबह प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे सीएचसी राठ ले गए, लेकिन बाद में परिजन उसे रोडवेज बस से महोबा जिला अस्पताल लाने लगे।
चार किमी पहले ही दर्द बढ़ने पर बस में ही बच्चे को जन्म दे दिया। बस स्टैंड पहुंचकर अस्पताल प्रशासन को सूचना दी। सूचना पर महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने महिला को व्हील चेयर में बैठाकर महिला अस्पताल में भर्ती कराया।
जहां महिला व उसके बच्चे की हालत स्वस्थ बताई जा रही है। परिजनों ने आरोप लगाया कि सीएचसी राठ में सही उपचार न मिलने पर वह प्रसूता को महोबा ला रहे थे लेकिन रास्ते में ही प्रसव हो गया।