श्रीकृष्ण जन्म भूमि का मामला पहुंचा अदालत


श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला अदालत पहुंच गया है। मथुरा की अदालत में एक याचिका दाखिल कर 13.37 एकड़ कृष्ण जन्मभूमि का मालिकाना हक मांगा गया है। अपने भक्तों के साथ वादी बने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से केशव देव कटरा की जमीन के लिए अधिवक्ताओं के माध्यम से यह याचिका दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 1973 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसाइटी द्वारा जमीन संबंधी की गई डिक्री रद्द की जाए। 


सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरी शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने मथुरा की सीनियर सिविल जज छाया शर्मा की अदालत में शुक्रवार को याचिका दाखिल की है। इसमें 13.37 एकड़ की जन्मभूमि पर दावा करते भगवान श्रीकृष्ण विराजमान ने अपने भक्तों अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री, प्रवेश कुमार, राजेशमणि त्रिपाठी, करुणेश कुमार शुक्ला, शिवाजी सिंह और त्रिपुरारी तिवारी के माध्यम से मालिकाना हक की मांग की है। 
इस संबंध में जानकारी देते हुए अधिवक्ता हरी शंकर जैन ने बताया कि न्यायालय में दाखिल याचिका में कहा गया है कि जमीन के मालिक कृष्ण जन्मस्थान पर विराजमान भगवान श्रीकृष्ण है। जमीन पर मालिकाना हक उनका है। जबकि श्रीकृष्ण जन्म स्थान सोसाइटी द्वारा 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव की जमीन का समझौता हुआ और 20 जुलाई 1973 को यह जमीन समझौते के बाद डिक्री की गई।
'जमीन की डिक्री खत्म की जाए'
याचिका में मांग की गई है कि भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की जमीन की डिक्री करने का अधिकार सोसाइटी को नहीं हो सकता है। लिहाजा डिक्री खत्म की जाए और भगवान श्रीकृष्ण विराजमान को उनकी 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक दिया जाए। अधिवक्ताओं ने बताया कि याचिका में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया गया है।


श्रीकृष्ण जन्मभूमि का इतिहास
 - जिस जगह पर आज कृष्ण जन्मस्थान है, वह पांच हजार साल पहले मल्लपुरा क्षेत्र के कटरा केशव देव में राजा कंस का कारागार हुआ करता था। इसी कारागार में रोहिणी नक्षत्र में आधी रात को भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था।
- इतिहासकार डॉ. वासुदेव शरण अग्रवाल ने कटरा केशवदेव को ही कृष्ण जन्मभूमि माना है। विभिन्न अध्ययनों और साक्ष्यों के आधार पर मथुरा के राजनीतिक संग्रहालय के दूसरे कृष्णदत्त वाजपेयी ने भी स्वीकारा कि कटरा केशवदेव ही कृष्ण की असली जन्मभूमि है।
- इतिहासकारों के अनुसार, सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वारा बनवाए गए इस भव्य मंदिर पर महमूद गजनवी ने सन 1017 ई. में आक्रमण कर इसे लूटने के बाद तोड़ दिया था।


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