तीन युवा वैज्ञानिकों को कैंसर की अनसुलझी गुत्थी सुलझाने केलिए सीडीआरआई पुरस्कार 2020 से सम्मानित


तीन युवा वैज्ञानिकों को कैंसर की अनसुलझी गुत्थी सुलझाने केलिए सीडीआरआई पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया है। पुरस्कृत होने वालों में युवा शोधकर्ता डॉ. बुशरा अतीक, डा. सुराजित घोष और डा. रवि मंजीठया शामिल हैं। 


भारत में औषधि अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2004 में सीडीआरआई अवार्ड्स की स्थापना की गई थी। ये पुरस्कार 45 वर्ष से कम आयु के वैज्ञानिकों को दिए जाते हैं। प्रत्येक पुरस्कार में 20000 रुपये का नकद पुरस्कार व एक प्रशस्तिपत्र दिया जाता है। 
अब तक 34 वैज्ञानिक इस पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। इस वर्ष के विजेताओं में से डॉ बुशरा अतीक को भी मेडिकल साइन्सेज का इस वर्ष का शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार हाल ही में मिला है। इन सभी सीडीआरआई पुरस्कार विजेताओं में से अनेक अब विभिन्न संस्थानों में शीर्ष भूमिका में हैं।
आनलाइन समारोह में निदेशक प्रोफेसर तपस कुंडु ने विजेताओं को बधाई दी एवं भविष्य में औषधि अनुसंधान को नई दिशा देने के लिए उनका आह्वान किया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संस्थान के यूट्यूब चैनल के माध्यम से किया गया एवं सभी प्रतिभागी एमएस टीम के माध्यम से कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
प्रोस्टेट कैंसर के चिकित्सीय समाधान को नई दिशा देने के लिए पुरस्कृत 
जैविक विज्ञान (लाइफ साइन्सेज) केक्षेत्र में सीडीआरआई अवार्ड-2020 विजेता, डॉ बुशरा अतीक वर्तमान में भारतीय प्रौद्योगिकीसंस्थान कानपुर के बायोलॉजिकल साइंसेज एवं बायोइंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएटप्रोफेसर और वेलकम ट्रस्ट / डीबीटीइंडिया एलायंस की वरिष्ठ फेलो के रूप में कार्यरत हैं। उनका शोध, एंड्रोजन डिप्रेशन थेरेपी  के पश्चात होने वाले विरोधाभासी नैदानिक परिणामों की व्याख्या करता है। साथ ही प्रोस्टेट कैंसर के उपचार के लिए एक नई सहायक रणनीति के बारे में बताता है। 


सीपीपी की कैंसर रोधी औषधि के रूप में भूमिका का पता लगाया
प्रभावी सेल पेनेट्रेटिंग पेप्टाइड (कोशिका भेदक पेप्टाइड्स/सीपीपी)का औषधि के रूप में जबरदस्त प्रभाव है। डॉ सुराजित घोष को इसके विकास हेतु इस वर्ष का सीडीआरआई अवार्ड प्राप्त हुआ। डॉ घोष वर्तमान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर में बायोसाइंस और बायोइंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। अपने शोध के माध्यम से उन्होंने सेल पेनेट्रेशन में दो मुख्य अमीनो एसिड, जैसे आर्जिनिन एवं ट्रिप्टोफैन की भूमिका के बारे में बताया। 


कैंसर सहित अनेक रोगों के कारणों पर किया काम
डॉ रवि मंजीठया को रासायनिक विज्ञान में सीडीआरआई पुरस्कार 2020 प्राप्त हुआ है। वे वर्तमान में जवाहरलाल नेहरूसेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च, बंगलुरु में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपने शोध में इसका पता लगाया कि किस तरह से शारीरिक प्रक्रिया में संतुलन बिगड़ने पर विभिन्न रोग पनपते हैं।


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