डॉक्टरों के स्थानांतरण की नीति लागू किए जाने की मांग वाली जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज


इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने काफी समय से एक जगह कार्यरत डॉक्टरों के स्थानांतरण की नीति लागू किए जाने की मांग वाली जनहित याचिका (पीआईएल) को सुनवाई के लिए स्वीकार करने से इन्कार कर खारिज कर दिया।


अदालत ने सुप्रीम कोर्ट की एक नजीर का हवाला देते हुए सेवा मामले में पीआईएल पोषणीय नहीं है। न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने निक्की सिंह की याचिका पर यह फैसला सुनाया।
याची ने डॉक्टरों के तबादले संबंधी राज्य सरकार की 15 जून 2020 की स्थानांतरण नीति को लागू किए जाने की गुजरिश की थी। याचिका में कहा था कि नीति होने के बावजूद सरकारी डॉक्टरों के तबादले नहीं किए जा रहे हैं।
अदालत ने कहा कि सेवा मामले में पीआईएल के जरिए तबादला नीति लागू नहीं कराई जा सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।