लखनऊ- अक्टूबर 15, 2020: चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश और ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज संस्था द्वारा कोविड-19 महामारी के विरुद्ध किये जा रहे महत्वपूर्ण प्रयासों और उपलब्धियों पर नीति-निर्माताओं, विशेषज्ञों और कम्युनिटी लीडर्स के बीच आज, वर्चुअल संवाद का आयोजन किया गया | उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, जय प्रताप सिंह, इस वर्चुअल संवाद के मुख्य अतिथि थे | वार्ता में, लखीमपुर खीरी के सांसद अजय मिश्र, मैक्स हेल्थकेयर में एन्डोक्रीनोलोजी और डायबिटीज के विभागाध्यक्ष तथा चेयरमैन डॉ. अम्बरीश मित्तल, गो न्यूज़ के सम्पादक एवं संस्थापक पंकज पचौरी (कार्यक्रम के मॉडरेटर), वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान एवं ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज संस्था की एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट अंजली नय्यर ने प्रतिभाग किया |
वैसे तो यह संवाद कोविड-19 पर केन्द्रित था मगर, वक्ताओं ने स्वास्थ्य से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी सार्थक चर्चा की | डॉ. अम्बरीश मित्तल से वार्ता के दौरान, स्वास्थ्य मंत्री, जय प्रताप सिंह ने कहा कि वर्तमान में, टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं की आवश्यक जांचो की सुविधा को प्राथमिकता पर रखा जा रहा है क्योंकि, लॉकडाउन के कारण लाभार्थियों को यह सुविधाएँ मिलने में कठिनाई का सामना करना पड़ा है | इसके साथ ही 1 अक्टूबर से दस्तक अभियान के तृतीय चरण के दौरान जापानी एन्सेफलाइटीस और ए.ई. के साथ ही टीबी, कालाजार और फ़ाइलेरिया आदि के मरीजों को भी चिन्हित किया जा रहा है ताकि, चिन्हित मरीजों का सुचारू रूप से इलाज हो सके | आगामी 2 नवम्बर से सक्रिय टीबी मरीजों की खोज का अभियान भी शुरू हो रहा है | उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान दैनिक भोगी मजदूरों को और छोटे व्यवसायियों को आर्थिक कष्ट उठाना पड़ा है, जिसके प्रति सरकार बहुत संवेदनशील है और इस सम्बन्ध में ऐसे प्रयास किये जा रहें हैं कि सबकी जीविका, सुचारू रूप से चालू रहे ताकि, कोई भी दैनिक मजदूर कही और पलायन न करे | इसके साथ ही, कोविड-19 की चुनौती से निपटने के लिए प्रदेश के प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों के साथ समन्वय करके कार्य किया जा रहा है | इसी का परिणाम है कि आज की तिथि में उत्तर प्रदेश में लगभग 1 करोड़ पचीस लाख कोविड-19 टेस्ट किये जा चुके हैं |
बातचीत के बढ़ते क्रम में, डॉ. मित्तल ने बताया कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के लिए सही पोषण बहुत आवश्यक है | सही और संतुलित पोषण से, हम सब कई बीमारियों से, साथ ही किसी महामारी के दौरान भी अधिक सुरक्षित रह सकते हैं |
इस संवाद की प्रमुख विशेषता यह थी कि इसमें पंचायत स्तर पर कोविड- 19 के सम्बन्ध में, समुदाय को अपना योगदान प्रदान करने वाले ग्राम प्रधान भी काफी संख्या में वर्चुअल रूप से जुड़े हुए थे | जनपद लखीमपुर खीरी और सिद्दार्थनगर के दो ग्राम प्रधानों ने, वीडिओ सन्देश द्वारा बताया कि उन्होंने कोविड-19 से सम्बंधित सहायता कार्य को बेहतर बनाने के लिए, इन गतिविधियों की निगरानी कैसे की | कार्यक्रम के मॉडरेटर, पंकज पचौरी ने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी से मुकाबला करने में ग्राम प्रधान, सबसे पहली पंक्ति में खड़े हैं | खीरी के सांसद अजय मिश्र ने कहा कि क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से किर्यान्वयित करने और बेहतर बनाने में, जन-प्रतिनिधियों द्वारा समय-समय पर इनसे सम्बंधित गतिविधियों के अनुश्रवण का बहुत महत्व है | अजय मिश्र ने यह भी कहा कि जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) एक ऐसा प्लेटफार्म है, जिसके माध्यम से क्षेत्रीय गतिविधियों की सघन और महत्वपूर्ण निगरानी की जा सकती है | इसके साथ ही, वह इस प्लेटफार्म से इस बात की भी एडवोकेसी करेंगे कि कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त हुए मरीजों की सही काउंसलिंग करके उन्हें एक स्वस्थ जीवन शैली के लिए भी प्रेरित किया जा सके |
शरत प्रधान ने अपने क्षेत्रीय भ्रमण के अनुभव के आधार पर बताया कि महिला ग्राम प्रधान, स्वास्थ्य से जुड़े हर मुद्दे पर सशक्तिकरण से कार्य कर रही हैं | उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है |
अंत में, अंजली नय्यर ने, ग्राम प्रधानों द्वारा लोगों को दिए जा रहे सहयोग के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि ग्राम स्तर पर समुदाय को स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में ग्राम प्रधान का योगदान अत्यंत प्रशंसनीय है | ग्राम स्तर में इनके द्वारा स्वास्थ्य की दिशा में किये किये जा रहें कार्यों को पूरे प्रदेश में लागू करने की आवश्यकता है |